
सड़क, बिजली, स्कूली बास आदि मांगों को लेकर ग्रामीणों ने किया कोयला परिवहन ठप
गोपाल सिंह विद्रोही/ बिश्रामपुर-ग्रामीणों ने सड़क ,बिजली एवं छात्राओं के लिए बस की मांग को लेकर एसईसीएल के खिलाफ ग्राम पंचायत डेडरी सड़क मार्ग पर 10 घंटे किया कोल परिवहन ठप किया गया एसडीएम, एसईसीएल प्रबंधन एवं ग्रामीणों के बीच कुछ मांगों पर आपसी सहमति के पश्चात चक्का जाम समाप्त किया गया।
जानकारी के अनुसार भाजपा नेत्री पुष्पा सिंह नेताम के नेतृत्व में आज प्रातः 6 से अपराना 4 बजे तक डेडरी सड़क मार्ग पर 5 ग्रामों की ग्रामीणों एवं विश्रामपुर अध्ययन करने वाले छात्राओं ने विश्रामपुर अध्ययन के लिए चार बसें उपलब्ध कराने, सड़क मार्ग की मरम्मत एवं मार्ग में विद्युतीकरण की मांग को लेकर एसीसीएल प्रबंधक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की एवं सड़क जाम किया जिससे कोयला परिवहन नहीं हो सका।
बताया जाता है कि एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के रेहर, गायत्री, आमगांव खदान के प्रभावित ग्राम से बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित होकर अपनी उक्त मांगों को लेकर एसईसीएल के खिलाफ ग्राम डेडरी में चक्का जाम धरना प्रदर्शन जैसा आंदोलन शुरू किया। स्कूली छात्राओं के लिए स्कूल बस, मानी चौक से छत्तीसगढ़ ढाबा तक सड़क किनारे दोनों तरफ विद्युतीकरण, निजी भूमि को अधिग्रहण कर सड़क मार्ग निर्माण के बाद भूमि स्वामियों की मुआवजा सहित कई अन्य मांगों को लेकर प्रातः 6 से दोपहर 4 तक दस घंटे चक्का जाम कर कोयला परिवहन ठप कर दिया ।ग्रामीणों का आरोप है कि एसईसीएल से हम 2009 से उक्त मांगों को लेकर समय-समय पर आंदोलन करते आ रहे हैं और प्रबंधन केवल आश्वासन देता आ रहा है जिसके खिलाफ यह आंदोलन पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है प्रबंधन मांगो पर कई बार आश्वासन दिया है लेकिन अभी तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। मजबूरन आज सुबह 6 बजे से मांग पूरी नहीं होने तक कोयला परिवहन को पूर्ण रूप से बंद करते हुए चक्का जाम धरना प्रदर्शन करने हेतु मजबूर होना पड़ा। इस प्रदर्शन के समर्थन में स्कूल छोड़कर बड़ी संख्या में ग्राम कुरूंवा के स्कूली बच्चे भी स्कूल जाने बस सुविधा उपलब्ध कराने की मांग को लेकर आंदोलन में शामिल हुए। आंदोलन का नेतृत्व कर रही भाजपा नेत्री पुष्पा सिंह नेताम ने बताया कि एसईसीएल की खदानों से कोयला उत्पादन कर ट्रांसपोर्टिंग में लगे वाहनों के वजह से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसी तरह मानि चौक से छत्तीसगढ़ ढाबा तक स्ट्रीट लाइट ,आमगांव खदान से विश्रामपुर मुख्य मार्ग तक सड़क सुधार एवं चौड़ीकरण । विश्रामपुर स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के लिए 4 बसों का संचालन, स्वास्थ्य व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने एवं भूमि अधिग्रहण के बदले नौकरी व मुआवजा दिए जाने जैसी हमारी मांगे हैं इन मांगों को लेकर आज सुबह से मार्ग पर हड़ताल में बैठे है।
*ग्रामीणों से चर्चा करने दलबल के साथ पहुंचे एसडीएम*
आंदोलन कर रहे भाजपा नेत्री पुष्पा सिंह नेताम, संध्या सिंह ,अमीर चंद गुप्ता, दरोगा सिंह ,भदर सिंह सुखलाल रजवाड़े ,दिनेश सिंह ,भुनेश्वर सिंह ,शीतल राजवाड़े अंबिका राजवाड़े ,बलिंदर रजवाड़े आदि ग्रामीणों से चर्चा करते हुए एसडीएम सूरजपुर रवि सिंह, तहसीलदार वर्षा बंसल ,नायब तहसीलदार मोहम्मद इजराइल ,राजस्व निरीक्षक दयाशंकर सिन्हा, सूरजपुर टीआई लक्ष्मण सिंह, बिश्रामपुर थाना प्रभारी सीपी तिवारी, एसईसीएल प्रबंधन की ओर से प्रभारी सहक्षेत्रप्रबंधक अमरेश कुमार पांडे, प्रबंधक वेद प्रकाश के बीच लंबी चर्चा हुई ,जिस पर आवश्यक मांगों पर आम सहमति बनने के बाद 10 घंटे चक्का जाम के बाद हड़ताल समाप्त किया गया परंतु समय सीमा के अंदर मांगे पूर्णिमा होने पर पूर्णा आंदोलन करने की चेतावनी ग्रामीणों ने दी इससे पूर्व ग्रामीणों ने सबएरिया मैनेजर को बंधक बना कर मार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास किया
बस, सड़क बत्ती एवं सड़क निर्माण जल्द प्रारंभ किए जाने पर आम सहमति बनी
ग्रामीणों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कोयला परिवहन सुबह 9 से 10 बजे तक रोक एवं शाम 3.45 से 4.45 तक बंद रखा जायगा, सड़क में वाहनों की गति गति 20 किलोमीटर प्रति घंटा करने, प्रभावित ग्रामों में विकास कार्यों का प्रबंधन द्वारा जानकारी सरपंच को दिए जाने, मार्ग में स्ट्रीट लाईट लगाने टेन्डर हो चुका है जिसकी प्रतियां संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंचों को दी जाएगी,ग्राम पंचायत डेडरी में हाई स्कूल का बाउंड्री बनाने,ग्राम पंचायत मानी, पोडो, ,सलका डेडरी कुरवा आदि पंचायतों के बच्चे को पढाई करने विश्रामपुर आने जाने के लिए 2 बस उपलब्ध कराई गई है एक जल्द उपलब्ध करा दी जाएगी चौथी बस भी उपलब्ध करा दी जाएगी। अधिग्रहित भूमि पर सड़क निर्माण एवं चैौटीकरण की निविदा जारी कर दी गयी है। शीघ्र ही वर्क आर्डर जारी हो जाएगा तथा इसके अनुसार शीघ्र ही सड़क चौड़ीकरण का कार्य चालू किया जाएगा इन सभी मांगों को जल्द पूर्ण करने के आश्वासन प्रबंधन ने ग्रामीणों को लिखित दिया जिसके बाद आंदोलन समाप्त कर दिया गया।