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किसी भी जागरूकता कार्यक्रम में मीडिया की अहम भूमिका – सीएमएचओ डॉ. टंडन

किसी भी जागरूकता कार्यक्रम में मीडिया की अहम भूमिका – सीएमएचओ डॉ. टंडन

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10 से 21 अगस्त तक 10 लाख से अधिक व्यक्तियों को फाइलेरिया दवाई का कराया जाएगा सेवन – डॉ. जसाठी

2946 स्वास्थ्यकर्मियों के माध्यम से बूथ एवं घर घर जाकर दवाओं का कराया जाएगा सेवन

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बेमेतरा – मंगलवार को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अन्तर्गत जिलें को फाइलेरिया मुक्त करने हेतु कलेक्टर पीएस एल्मा के निर्देशन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीआर टंडन और फाइलेरिया नोडल अधिकारी डॉ. ज्योति ए. जसाठी ने प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लोगों को जागरूक करने हेतु कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में बातचीत की। जिलें में 10 अगस्त से 21 अगस्त तक चलने वाले फाइलेरिया कार्यक्रम की जानकारी दी। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीएल टंडन ने कहा कि किसी भी जागरूकता कार्यक्रम में मीडिया की अहम भूमिका होती हैं। उन्होनें फाइलेरिया रोग के उन्मूलन हेतु आयोजित होने वाले सामूहिक दवा सेवन (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम की सफलता में मीडिया सहयोगियों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। कार्यशाला में बताया गया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह था कि फाइलेरिया रोग की गंभीरता को समाचार पत्रों के माध्यम से जन-समुदाय में अधिक से अधिक प्रसारित किया जा सकें, जिससे लोग इस गंभीर बीमारी के बारे में सही और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सके और फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करके इस रोग से स्वयं और अपने परिवार को बचा सकें। इस अवसर पर फाइलेरिया नोडल डॉ. ज्योति जसाठी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान जिलें के कुल 1004162 लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए फाइलेरिया रोधी दवाओं की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। इन दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना हैं, 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाये नहीं खिलाई जाएगी। फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है परंतु किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं, जो कि इन दवाओं के सेवन करने के उपरांत इन परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते है परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पांस टीम तैनात हैं और उन्हें उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता हैं। कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि जिलें में अब तक 75 फाइलेरिया और 14 हाइड्रोसील रोगियों को चिन्हित किया गया हैं। इस सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में जिलें 1004162 लक्षित लाभार्थियों को 2946 स्वास्थ्यकर्मियों के माध्यम से बूथ एवं घर घर जाकर दवाओं का सेवन कराया जाएगा। उन्होने मीडिया प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपने समाचार पत्रों और चैनलों के माध्यम से लोगों तक इस प्रकार सन्देश पहुंचाएं कि प्रत्येक लाभार्थी फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन स्वास्थ्यकर्मियों के सामने करें और इस कार्यक्रम में अपना पूर्ण सहयोग करे। इस अवसर पर जिले के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारी, सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि और स्थानीय मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।

Ashish Sinha

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