छत्तीसगढ़राज्यरायपुर

कविता, कहानी, निबंध आदि के लेखन से भाषा का प्रसार नहीं होता, बल्कि व्यवहार में लाने से होता है। : डॉ. संजय अलंग

कविता, कहानी, निबंध आदि के लेखन से भाषा का प्रसार नहीं होता, बल्कि व्यवहार में लाने से होता है। : डॉ. संजय अलंग

WhatsApp Image 2025-10-31 at 2.58.20 PM (1)
WhatsApp-Image-2025-10-31-at-2.41.35-PM-300x300

रायपुर,इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में हिंदी पखवाड़ा के समापन के अवसर पर “कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों में हिंदी की भूमिका“ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा आयोजित नारा, कविता, निबंध लेखन और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के पुरस्कारों का वितरण भी किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि रायपुर संभाग आयुक्त डॉ. संजय अलंग थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल के सदस्य श्री आनंद मिश्रा और श्रीमती वल्लरी चंद्राकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. संजय अलंग ने कहा कि कविता, कहानी, निबंध आदि के लेखन से भाषा का प्रसार नहीं होता, बल्कि व्यवहार में लाने से होता है। आज हम डिजिटल युग में संप्रेषण कर रहे हैं। हमारा संप्रेषण आसान हो गया है, लेकिन हमारी हिंदी कमजोर हो गई है और शब्दावली में कमी आ गई है। अच्छे संप्रेषण के लिए भाषा का चयन जरूरी है।
कृषि विश्वविद्यालय और यहां के वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे नवीन कृषि अनुसंधानों को किसानों और हितग्राहियों तक संप्रेषित करने के लिए उनकी स्थानीय भाषा का प्रयोग लाना चाहिए। जिससे किसान और हितग्राही आसानी से समझ सकें और अपने उपयोग में शामिल कर सकें। उन्होंने कहा कि यदि हमें अनुसंधान उपलब्धियों से किसानों को जोड़ना है तो यह आवश्यक है कि अपनी बातों को उनकी भाषा और बोली में उन तक पहुंचायी जाए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि भारत में हिन्दी भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह देश की बहुसंख्यक आबादी द्वारा बोली एवं समझी जाने वाली प्रमुख भाषा है। इसलिए यह आवश्यक है कि कृषि शिक्षा, कृषि अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों में हिन्दी भाषा को बढ़ावा दिया जाए। कृषि के विभिन्न पाठ्यक्रमों हेतु हिन्दी भाषा में बड़ी संख्या में पुस्तकें लिखी जा रही हैं लेकिन और अधिक गुणवत्तायुक्त, स्तरीय पुस्तकें लिखे जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनेक सर्वेक्षणों में भी यह साबित हुआ है कि विद्यार्थियों को अगर उनकी मातृ भाषा में शिक्षा दी जाए तो वे इसे शीघ्रता से ग्रहण कर लेते हैं। विदेशी भाषा में शिक्षा प्राप्त करना उनके लिए अपेक्षाकृत कठिन कार्य होता है। इसी प्रकार विभिन्न सामाजिक सर्वेक्षणों में भी यह पाया गया है कि ग्रामीण जनता विशेषकर किसानों को अनुसंधान एवं प्रसार गतिविधियों के बारे में उनकी मातृ भाषा या स्थानीय बोली में जानकारी दी जाए तो वे इन्हें जल्दी समझ पाते हैं।

mantr
66071dc5-2d9e-4236-bea3-b3073018714b

इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंध मण्डल सदस्य आनंद मिश्रा ने कहा कि मनुष्य मातृभाषा में जल्दी सीखता है। आज हमारा देश तकनीकी के साथ साथ सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है, लेकिन अनुसंधान के क्षेत्र में आज भी दूसरे देशों के भरोसे है। इसका कारण सिर्फ भाषा है। ज्ञान को आत्मसात करने की शक्ति मातृभाषा से ही आती है। आज हमें किसानों की समस्या, उनकी बात को समझना होगा और उन्हे उन्ही की भाषा-बोली में समझाना होगा। श्रीमती वल्लरी चंद्राकर ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिदिन अपनी कक्षाओं के साथ साथ रचनात्मक कार्यों में भी विद्यार्थियों को समय देना चाहिए। हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित प्रतियोगिताएं उन्हीं का हिस्सा हैं। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए हिन्दी संगोष्ठी के दौरान विश्वविद्यालय में 14 से 29 सितम्बर तक आयोजित विभिन्न स्पर्धाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का सचांलन डॉ. राकेश बनवासी ने किया। कार्यक्रम के अंत में राजभाषा हिंदी प्रकोष्ठ के प्रभारी श्री संजय नैयर ने आभार प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित 14 से 29 सितंबर के मध्य नारा लेखन, कविता लेखन, निबंध लेखन और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। नारा लेखन प्रतियोगिता में प्रज्ञा चंद्राकार को प्रथम, मनभवन सिंह कंवर को द्वितीय तथा आदर्श चंद्राकर तृतीय स्थान पर रहे। कविता लेखन प्रतियोगिता में टोलिना विशाल शर्मा को प्रथम, हिमानी सिन्हा को द्वितीय और हिमांशु कुमार राणा को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। निबंध लेखन प्रतियोगिता में बमलेश्वर सप्रे को प्रथम, खुशबु को द्वितीय और कीर्ति बैस को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। वाद विवाद प्रतियोगिता में पक्ष में हिमानी सिन्हा को प्रथम और रिया कटरे को द्वितीय तथा विपक्ष में सोमेश कुर्रे को प्रथम और संतोषी एक्का को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)
WhatsApp-Image-2025-09-23-at-1.09.26-PM-300x300
IMG-20250923-WA0360-300x300
WhatsApp-Image-2025-09-25-at-3.01.05-AM-300x298
BackgroundEraser_20250923_132554448-1-300x298
WhatsApp Image 2025-11-23 at 11.25.59 PM

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!