
प्रदेश खबर – लॉक डाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों पर विश्रामपुर पुलिस ने कसा शिकंजा।चिलचिलाती धूप हो या रात पुलिसिया टीम लॉक डाउन का नियम तोड़ने वालों पर कड़ी नजर रखी हुई है। कोरोना संक्रमण की कड़ी इस बार टूट जाए इस बात का ध्यान रखते हुए विश्रामपुर पुलिस जबरदस्त मुस्तैदी दिखा रही है।
इस संबंध में जानकारी के अनुसार सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा ने जिला में कोविड-19 का बढ़ते संक्रमण को रोक लगाने के लिए तीसरी बार जिला में लॉकडाउन का आदेश दिया है, जिसे पालन करने के लिए पुलिसिया टीम जगह जगह इस चिलचिलाती धूप में भी मुस्तैद नजर आ रही है। बिश्रामपुर थाना प्रभारी सुभाष कुजुर के नेतृत्व में दिन रात पुलिसिया टीम चप्पे-चप्पे पर तैनात होकर लॉकडाउन तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ करवाई कर रही है। उल्लेखनीय है कि सूरजपुर जिला में लगातार कोविड-19 का संक्रमण से हाल बेहाल है। इन्हीं सब कारणों से जिला कलेक्टर ने 13 अप्रैल से 23 अप्रैल तक, 23 अप्रैल से बढ़ाकर 26 अप्रैल तक और अब 26 अप्रैल से बढ़ाकर 5 मई तक लॉकडाउन का ऐलान किया है। यहां बता दें कि लॉकडाउन के दो चरणों में संक्रमण का चयन नहीं टूटा ,इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है कि लोग लॉक डाउन को गंभीरता से न लेकर हंसी ठिठोली में गुजार दी परिणाम दिनोंदिन कोरोना संक्रमण का नए प्रकरण सामने आने लगा ।बिश्रामपुर कॉलोनी को ही ले तो कोई ऐसा कॉलोनी नहीं है जहां संक्रमित लोग नहीं मिले है इसके बावजूद सुबह शाम दोपहर पुलिस की नजरों से बचते हुए धारा 144 एवं लॉकडाउन का खुलम खुला उल्लंघन करते नजर आ जाएंगे । लोगों की इसी लापरवाही से कोयलांचल में संक्रमितो की तेज रफ्तार लोगों में डर तो है परंतु जागरूकता बिल्कुल नहीं देखी जा रही है ।आलम यह है कि जिला चिकित्सालय के कोविड वार्ड में भी बेड की कमी पड़ गई है।इन्ही समस्याओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने तीसरी बार लॉकडाउन का आदेश जारी किया है। पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा ने भी इस आदेश को गंभीरता से लेते हुए समस्त पुलिस थाना एवम चौकी प्रभारीयो को बिना वजह घूमने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया है। एसपी के आदेश को ध्यान में रखते हुए थाना प्रभारी सुभाष कुजुर ने करोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने बिश्रामपुर के विभिन्न मुख्य चौक- चौराहों पर इस चिलचिलाती धूप में भी पुलिस कर्मियों को तैनात कर रखा है और बिना वजह घूमने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है ।पुलिस अपना व्यवस्था तो देख रही है परंतु पुलिस के समक्ष यह समस्या देखी जा रही है कि उन्हें केवल चालान काटने की ही अधिकार प्राप्त है इन्हें व्यापारियो के दुकानों को सील बंदी का अधिकार नहीं है यही कारण है कि व्यापारी सामने से शटर गिरा कर पीछे के दरवाजे से सामान की बिक्री कर रहे है। अब सवाल यह उठता है कि क्या लॉकडाउन पालन करने का दायित्व केवल जिला प्रशासन या पुलिस विभाग का ही है ?आम लोगों का इस महामारी से बचाव के लिए कोई कर्तव्य नहीं है?लोग केवल अपने को सुरक्षित रखते हुए घर में ही कैद रखें तो उम्मीद इनसे की जा सकती है कि इस महामारी में इनका बहुत बड़ा योगदान है और करोना वायरस की कड़ी तोड़ने में इनसे बहुत बड़ा मदद मिल सकती है।
वरिष्ठ पत्रकार गोपाल सिंह विद्रोही सूरजपुर
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