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CG NEWS: विडंबना : पंचायत प्रतिनिधी सीमा विवाद बताकर मृत मवेशियों का नही कर रहे दफन

विडंबना पंचायत प्रतिनिधी सीमा विवाद बताकर मृत मवेशियों का नही कर रहे दफन

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विभिन्न पंचायत में मृत मवेशियों का दफन कार्य कर रहा है नगर पंचायत विश्रामपुर

गोपाल सिंह विद्रोही//प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़//बिश्रामपुर- तीन दिनों से ग्रामपंचायत शिवनंदनपुर कार्यालय के पीछे थोड़ी ही फलांग पर लावारिस गाय मृत पड़ी थी जिसे ग्राम पंचायत शिवनंदनपुर सतपता के प्रतिनिधियों द्वारा सीमा विवाद बता कर उठाने दफनाने से इनकार कर दिया गया परिणाम: तीन दिनों से गाय को आवारा कुत्ते नोचने पर उतारू थे जिसे सुरक्षित रखने में लग रहा यादव परिवार ।

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत शिवनंदनपुर कार्यालय से थोड़ी ही दूरी पर सीमा विवाद के कारण मृत गाय को उठाकर दफनाने को लेकर निकाय के कर्मचारी तैयार नहीं थे ।ग्राम पंचायत सरपंच विमला देवी से संपर्क करने पर उन्होंने बताया की मृत गाय शिवनंदनपुर के क्षेत्र में नहीं आती है वे ग्राम पंचायत सतपता के क्षेत्र में आती है, ग्राम सचिव पुनीत सिंह ने भी मृत गायक को हटाने एवं दफनाने से इनकार कर दिया। इसी तरह ग्राम सतपता के सचिव विजय सिंह ने ग्राम सतपता की सीमा में न होने के कारण गाय को उठाने से मन कर दिया। इस तरह ग्राम पंचायत शिवनंदनपुर एवं सतपता के सचिव एवं जनप्रतिनिधियों ने सीमा विवाद के कारण मृत गाय को तीन दिनों तक अनिल सिंह के निवास के सामने सड़ने के लिए छोड़ दिया। आसपास के ग्रामीण दोनों पंचायत के जनप्रतिनिधियों से गाय को हटाने का गुहार लगाते रहे परंतु इन दोनों पंचायत के प्रतिनिधियों एवं सचिवों ने सीमा विवाद बता कर अपना हाथ पीछे खींच लिया। मजबूरन दिनों निकायों से सूचना एवम गुहार लगा कर थक गए तब बृजेंद्र यादव एवं उनकी पत्नी दुर्गावती देवी, अनिल सिंह गाय कि सुरक्षा में लग रहे। दोनों पंचायत द्वारा गाय को नहीं उठाने दफनाने पर बृजेंद्र यादव ने नगर पंचायत विश्रामपुर के स्वच्छता प्रभारी अरविंद यादव से संपर्क कर गाय को दफनाने की गुहार की। सूचना पर स्वच्छता प्रभारी अरविंद यादव ने नगर पंचायत के कर्मचारी मंगल सिंह एवं राजेश को क्रेन लेकर गाय को हटाने का निर्देश दिया जिस पर इन दोनों कर्मचारियों ने तीन दिनों के बाद गाय को ट्रेन से उठाकर ट्रैक्टर में रखकर पासिंग नल के पास दफनाया जबकि ग्राम पंचायत को हटाने हेतु मोहल्ले के लोगों ने बहुत गुहार की लेकिन द्वय पंचायतो के प्रतिनिधियों के ऊपर इसका कोई प्रभाव नहीं दिखा। इसी प्रकार सतपता के सचिव एवं जनप्रतिनिधियों का निंदनीय व्यवहार भी प्रकाश में आया ।
*निजी मवेशी को भी मृत होने के बाद पालक बता देते हैं लावारिश-अरविंद यादव*
इस संबंध में नगर पंचायत बिश्रामपुर के स्वच्छता प्रभारी अरविंद यादव ने बताया कि मवेशियों से जीवन भर दूध निकालने वाले पशुपालक जब मवेशी बुजुर्ग हो जाते हैं तो उन्हें पशु पालक उन्हे मरने के लिए घर से बाहर निकाल दिया जाता है जो चारा पानी के अभाव में दम तोड़ देती है। सूत्रों से मवेशियों के पालक का पता चलता है तो वे मवेशी अपना होने से इनकार कर देते है। मवेशियों को दफनाना न पड़े इस कारण अपना होने से साफ इंकार कर देते है।पशु पालक को पता होता है कि मृत पशु को उठा कर ले जाने के लिए नगर पंचायत निर्धारित राशि 2000 रूर वसूल करेगी। शुल्क देने से बचने के लिए मवेशियो को अपना होना होने से इनकार कर देते हैं। मजबूरन नगर पंचायत को मवेशियों को उठाने एवं दफनाने का कार्य किया जाता है । पालतू मवेशियों को मृत होने पर उसे उठाने और दफनाने के लिए नगर पंचायत2000 रु शुल्क निर्धारित की है। शुल्क पटाना न पड़े इस कारण से पशु पालक अपना होने से ही इनकार कर देते हैं।

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बीमार मवेशियों को इलाज एवं मृत्यु के बाद दफनाने के कार्य से दूर-दूर रहते हैं गौ रक्षक

जानकारी के अनुसार बीमार गायों का इलाज एवम मृत गायों को दफन से दूर-दूर रहना चाहते हैं गौ रक्षक । इन दिनों भीषण गर्मी के कारण जगह-जगह गाय बैल कि मृत होने कि सूचना होने पर भी तथाकथित गौ रक्षक नहीं पहुंचते हैं । सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से गौ रक्षोंको के सूचना दी जाती है इसके बाद भी उन्हे इस ओर अभिरुचि नहीं दिखती केवल वे गौ तस्करों के खिलाफ माहौल देने के लिए प्रदर्शन करते हैं। गौ तस्करों से जप्त मवेशियों को चारा पानी की व्यवस्था करने में भी गौ रक्षक नदारत रहते हैं ।केवल समाचारों एवं मीडिया में ही सस्ती लोकप्रियता हासिल करने में माहिर है, उन्हें बीमार पाशुओ एवं मृत जानवरों को रफन दफन करने में कोई अभिरुचि नहीं दिख रही है केवल वे सस्ती लोकप्रियता पाने में लगे रहते है।

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