
योजनाबद्ध ढंग से ठगी कुटरचित दस्तावेज तैयार कर शासकीय भूमि का विक्रय
योजनाबद्ध ढंग से ठगी कुटरचित दस्तावेज तैयार कर शासकीय भूमि का विक्रय
सूरजपुर// मंजू सिंह एक विधवा महिला है, जो पहले पुलिस थाना बिश्रामपुर में थी और अब ए0एस0आई0 के पद पर पुलिस थाना रामानुजनगर जिला सूरजपुर छ0ग0 में कार्यरत है। परिवादिनी के तीन संताने हैं; माता कुसूम देवी  80 वर्ष की है और विधवा है।, परिवादिनी का मूल निवास स्थान भटगांव है, और उसके पति स्व0 गुरजीत सिंह मान एस0ई0सी0एल0 में काम करते थे। यह बताया गया है कि आरोपी किशोर यादव पहले भी परिवादिनी से परिचय रखता था. दिसंबर 2020 में, आरोपी किशोर यादव परिवादिनी के घर गया और उनसे मुलाकात की. आरोपी ने बताया कि जमीन ग्राम डुमरिया तहसील भैयाथान में है और बहुत अच्छी किस्म की भूमि है. जमीन स्वामी ने बताया कि जमीन 3 एकड़ 62 डिसमिल है, जिसमें से 32 डिसमिल,भूमि में अपनी पत्नी के नाम पर स्वयं क्रय कर रहा हूँ, शेष जमीन आप खरीद लिजीये।,तब परिवादिनी ने आरोपी किशोर यादव से कहा कि मैं विचार करके बाद में बताती हूँ. इसके बाद, आरोपी किशोर यादव ने परिवादिनी को अपने मोबाइल फोन पर बार-बार फोन करके यह बताया कि जमीन बहुत अच्छी है। और भूमि मार्ग से जुड़ी है, इसलिए आप इसे नहीं खरीदेंगे तो कोई दूसरा खरिदार ले लेगा। 8.1.2021 को परिवादिनी बिश्रामपुर से अपने घर भटगांव आई थी. उसी दिन आरोपी किशोर यादव ने अपने मोबाइल फोन से परिवादिनी से फोन कर पूछा कि वह कहां है? परिवादिनी ने कहा कि वह अपने घर में भटगांव में है।
यह बताया गया है कि आरोपी किशोर यादव ने 8.1.2021 को परिवादिनी से फोन पर बात की, कहा कि आप कहां हैं? उसने कहा कि बहुत अच्छी जमीन है, ले लिजिए, और मैं विक्रय संबंधी दस्तावेज बना देता हूँ. परिवादिनी ने आरोपी किशोर यादव से कहा कि जमीन का मामला है और मैं कोई दस्तावेज नहीं देखा है, इसलिए मैं रकम कैसे दे दूँ? किन्तु आरोपी किशोर यादव बोलने लगा, कि आप मेरे ऊपर विश्वास कीजिये भूमि हर तरह से साफ पाक है, कब्जा भी तुरन्त विक्रेता से आपको दिला दूँगा,यह बताया गया है कि आरोपी किशोर यादव ने अपने घर भटगांव में आरोपी रामप्यारी को 8.1.2021 को 24 हजार रुपये नगद दिए, बाद में परिवादिनी को कई बार आश्वासन दिया। बाद में, आरोपी किशोर यादव ने आरोपी रामप्यारी से ख0 क्र0 238 रकबा 3.30 हे0 ग्राम डुमरिया में भूमि खरीदने का सौदा किया। साथ ही, परिवादिनी ने आरोपी रामप्यारी से उसके घर ग्राम डुमरिया में जमीन पर कोई विवाद नहीं है, जिस पर आरोपी ने कहा कि जमीन मेरी है, सेटलमेन्ट की है, कोई विवाद नहीं है. इसलिए, आरोपी रामप्यारी और आरोपी किशोर यादव ने 16.2.2021 को ब्याना राशि 500000 रुपये अपने बैंक खाते से निकालकर 17.2.2021 को अपने पुत्र अमरदीप और माता कुसूम देवी के साथ भटगांव ग्रामीण बैंक के पास 500000/- रू0 नगद राशि आरोपी किशोर यादव को परिवादिनी ने दिया जिसके सिक्योरीटी में आरोपी किशोर यादव ने परिवादिनी को अपने खाते का एक 500000/- रू0 का चेक दिया है।
इसके बाद आरोपी किशोर यादव, रामप्यारी हल्का पटवारी तथा पूर्व तहसीलदा प्रतीक जायसवाल ने भू-खण्ड के विक्रय से संबंधित दस्तावेज बनाकर सत्यापित किए गए, जबकि परिवादी या परिवादिनी की माता ने कोई दस्तावेज नहीं बनाया था। नहीं किया गया है।आरोपियों ने मिलकर विक्रय संबंधी सभी दस्तावेज बनाए. विवादित खसरा नंबर में से 0.12 हेक्टर जमीन को परिवादिनी और परिवादिनी की माता कुसूम देवी के संयुक्त नाम पर रजिस्टर किया गया, जिसमें से एक हिस्सा 1.20 हेक्टर जमीन किशोर यादव ने अपनी पत्नी आरोपी सोनम यादव के नाम पर रजिस्टर किया गया था. आरोपी सोनम यादव के खिलाफ बाकी आरोपीगण के साथ षडयंत्र में सामिल रही, क्योंकि परिवादिनी के अकेले के नाम का विक्रय पत्र एवं परिवादिनी तथा माता के संयुक्त नाम का विक्रय पत्र में आरोपी सोनम यादव तथा आरोपी किशोर यादव साक्षी है।, परिवादिनी ने पहले अपने बैंक खाता से रामप्यारी के बैंक खाता में 400000 रू0 भेजा है, फिर 23.3.2021 को अपने बैंक खाता से आरोपी रामप्यारी के बैंक खाता में 6,72,00 रू0 भेजा है।विक्रय पत्र निष्पादित होने के बाद परिवादिनी ने विक्रय पत्रों को माँगा. आरोपी किशोर यादव ने कहा कि नामांतरण कराकर उन्हें दूँगा. आरोपी हल्का पटवारी संतोष सिंह से संपर्क करने पर उसने कहा कि विक्रय पत्र मेरे पास है और नामांतरण होने पर ऋणपत्र के साथ दे दिया जाएगा। हालाँकि, विक्रय पत्रों पर आधारित नामान्तरण भी परिवादिनी या परिवादिनी की माता ने स्वयं नहीं किया है।
बल्कि आरोपी किशोर यादव, रामप्यारी व हल्का पटवारी तथा तहसीलदार प्रतिक जायसवाल ने रजिस्ट्रर्ड विक्रय पत्रों के आधार पर नामांतरण की कार्रवाई की है। यह कि विक्रय पत्रों के निष्पादन के काफी समय के बाद हल्का पटवारी ने विक्रय पत्रों को परिवादिनी को वापस किया और फरवरी 2022 में ऋणपुस्तिका दिया।,यह कि परिवादिनी ने क्रयशुदा भूमि का सीमांकन करने के लिए आवेदन पत्र संबंधित तहसीलदार भटगांव में भेजा, लेकिन राजस्व निरीक्षक ने 31.05.2022 को मौके पर जाकर बताया कि भूमि शासकीय है और किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर विक्रय पत्र जारी किया गया है। यह सुनकर परिवादिनी आश्चर्यचकित रह गई और 8.6.2022 को जिला अभिलेख कोष्ठ सूरजपुर से भूमि ख0क्र0 238 की रिनम्बरींग सूची की सत्य प्रति प्राप्त की. परिवादिनी को पता चला कि भूमि का पूरा हिस्सा ख0क्र0 1/7 है और शासकीय पट्टे पर है, इसलिए खरिद विक्री से पूर्व जिलाध्यक्ष महोदय की अनुमति चाहिए।यह कि आरोपी रजिस्ट्रार भी शेष आरोपियों के साथ मिल गया था, क्योंकि रजिस्ट्रार ने बिना जाँच किए शेष आरोपियों के साथ अवैध मिली भगतकरके विक्रय पत्रों को पंजीयन किया।इस मामले में आरोपियों ने आपस में मिलकर षडयंत्रपूर्वक रिनम्बरिंग सूची में भूमि ख0क्र0 238 का पुराना नंबर गलत ढंग से 209 अंकित करके कार्यवाही की, जबकि वास्तविक पुराना नंबर 1/7 है और यह भूमि सरकारी पट्टे से प्राप्त है।
इस प्रकार, आरोपियों ने आपस में षडयंत्र रचकर परिवादिनी को धोखा देकर फर्जी दस्तावेज बनाकर विक्रय पत्र निष्पादित करके गंभीर अपराध किया है।यह साबित करता है कि आरोपीगण ने योजनाबद्ध रूप से विधवा परिवादिनी के पति की गाढी कमाई, परिवादिनी की कमाई और विधवा महिला की माता कुसूम देवी के रखे धन को ठगी किया है। परिवादिनी ने 11.6.2022 को पुलिस थाना भटगांव के समक्ष लिखित शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद, परिवादिनी ने 4.7.22 को पुलिस अधीक्षक सूरजपुर के समक्ष लिखित शिकायत दी थी, और 5.7.2022 को कलेक्टर महोदय सूरजपुर के समक्ष लिखित शिकायत दी थी। यह साबित करता है कि आरोपियों ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 171, 406 और 120बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
 
				 
							
													 
					
 
							
													 
							
													 
							
													
 
		 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													









