
स्वास्थ्य विभाग की मेहनत लाई रंग, जिले के 133 ग्राम पंचायत क्षय रोग से हुए मुक्त
स्वास्थ्य विभाग की मेहनत लाई रंग, जिले के 133 ग्राम पंचायत क्षय रोग से हुए मुक्त
उत्तर बस्तर कांकेर/ कलेक्टर नीलेश महादेव क्षीरसागर के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा टी.बी. मुक्त भारत 2025 की परिकल्पना को साकार करने के उदे्श्य से जिले में युद्ध स्तर पर टी.बी. खोजो अभियान चलाया गया, जिसके फलस्वरूप जिले के 133 ग्राम पंचायत को टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत घोषित हुआ है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे ने बताया कि भारत सरकार द्वारा टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत की सूची जारी की गई, जिसमें कांकेर जिले के 133 ग्राम पंचायत भी शामिल है। जिले के ग्राम पंचायतों को भारत सरकार द्वारा टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत घोषित करना जिलेवासियों एवं स्वास्थ्य विभाग को गौरवान्वित करता है। उन्होंने बताया कि टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत हेतु जिले के 141 ग्राम पंचायतों ने विभिन्न सूचकांको के आधार पर टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत होने का दावा प्रस्तुत किया था। उक्त दावा किये गये ग्राम पंचायतों का राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय टीम द्वारा सत्यापन कर भारत सरकार को सूची भेजी गई थी। भारत सरकार ने सत्यापन दल द्वारा भेजी गई सूची को पुनः जांच कर 133 ग्राम पंचायतो को टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया गया है, जिसमें कांकेर के 17, चारामा के 23, अंतागढ़ के 16, दुर्गुकोंदल के 15, भानुप्रतापपुर के 14, नरहरपुर के 28 एवं कोयलीबेड़ा के 20 इस प्रकार कुल 133 ग्राम पंचायतों को ‘टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत‘ घोषित किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिला एन.टी.ई.पी. टीम एवं स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस उपलब्धि हेतु बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। जिला क्षय अधिकारी डॉ. के.के. धु्रव ने भी सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दिया और साथ ही आगामी वर्ष में कांकेर जिले के शतप्रतिशत ग्राम पंचायत टी.बी. मुक्त ग्राम पंचायत घोषित हो इसके लिये सभी अधिकारी एवं कर्मचारी से दोगुनी ऊर्जा से काम करने की अपील की है।