ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्य
Trending

राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह: 1.5 लाख शिक्षकों को मिलेगा चतुर्थ वेतनमान, 55 लाख विद्यार्थियों को 330 करोड़ की सौगात

शिक्षक दिवस 2025 पर भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने 1.5 लाख शिक्षकों को चतुर्थ वेतनमान देने और 55 लाख विद्यार्थियों के लिए 330 करोड़ की राशि अंतरित करने की घोषणा की।

राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह: 1.5 लाख शिक्षकों को मिलेगा चतुर्थ वेतनमान, 55 लाख विद्यार्थियों को 330 करोड़ की सौगात

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

शिक्षक दिवस 2025 पर भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने 1.5 लाख शिक्षकों को चतुर्थ वेतनमान देने और 55 लाख विद्यार्थियों के लिए 330 करोड़ की राशि अंतरित करने की घोषणा की।

 

भोपाल : शुक्रवार, 5 सितम्बर 2025 । शिक्षक दिवस के अवसर पर राजधानी भोपाल स्थित आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया। समारोह में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणाएँ

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश के शैक्षणिक संवर्ग के सहायक, उच्च, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों को चतुर्थ समयमान वेतनमान दिया जाएगा। इस निर्णय से प्रदेश के 1.5 लाख शिक्षक लाभान्वित होंगे और सरकार पर लगभग 117 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय आएगा। यह लाभ वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू होगा।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के 55 लाख विद्यार्थियों के खातों में 330 करोड़ रुपये की राशि शाला गणवेश हेतु अंतरित कर दी गई है।

राज्यपाल का संदेश

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आज समय की आवश्यकता है कि शिक्षक सामाजिक चुनौतियों का समाधान निकालने में आगे आएं और परिवार एवं समाज का मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह साधन है जो राष्ट्र को संस्कारित, सक्षम और सशक्त बनाती है।

राज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वतंत्रता के बाद का सबसे अभिनव प्रयास बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की ज्ञान महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है।

गुरु-शिष्य परंपरा और संस्कृति का स्मरण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि ज्ञान का दान केवल सेवा ही नहीं, बल्कि समाज और नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पण भी है। उन्होंने कहा कि गुरु ही जीवन को प्रकाशमय बनाते हैं और संस्कारों के बिना कोई भी मशीन, चाहे वह कितनी ही आधुनिक क्यों न हो, समाज का मार्गदर्शन नहीं कर सकती।

अन्य प्रमुख बातें

समारोह में स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर, महापौर मालती राय सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में सम्मानित शिक्षकों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!