
शहर और ग्रामीण क्षेत्र के 84 अहातों में नहीं छलकेंगे जाम
जबलपुर. शराब की दुकानों में अहाते संचालित नहीं हो सकेंगे। केबिनेट की बैठक में निर्णय के उपरांत जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे 84 अहातों पर भी इसका असर होगा। नए नियमों के तहत इन्हें बंद कर दिया जाएगा। यह सभी कंपाेजिट दुकानों में चल रहे हैं। इसका असर शासन के राजस्व पर तो पड़ेगा, साथ ही ठेकेदार के अतिरिक्त मुनाफे पर भी शासन ने रोक लगा दी है।जिले में वर्तमान में जिले में हैं 144 शराब की दुकानें। इनमें ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित होती है। पहले इन्हें देशी और विदेशी शराब की दुकान के रूप में चिन्हित किया गया था। लेेकिन पिछले साल की नई आबकारी नीति में इन्हें कंपोजिट कर दिया गया। इसका मतलब यह है कि एक ही दुकान से देशी और विदेशी शराब का विक्रय किया जा सकेगा। इसी के तहत सभी दुकानों में अब 2-2 काउंटर खुल गए हैं। इन्हीं दुकानों में ज्यादातर में अहाते चल रहे हैं। ठेकेदार ही इनका संचालन करता है।
अतिरिक्त ड्यूटी देने पर अनुमति
जिले की उन दुकानों में अहाते चल रहे हैं जिनके ठेकेदार वार्षिक मूल्य का दो प्रतिशत अतिरिक्त ड्यूटी चुकाते हैं। इन अहातों में शराब पीने के शौकीनों के लिए बैठकर इसके सेवन की सुविधा प्रदान की जाती है। अब यह सुविधा उन्हें नहीं मिलेगी। शासन ने इन अहातों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। नए ठेके में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। तब तक इसका संचालन होगा। अभी 60 प्रतिशत अहाते ग्रामीण क्षेत्र में चलते हैं तो 40 प्रतिशत शहरी इलाकों में संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा रेस्टारेंट और होटल में बार चलते हैं। शहर में ऐसे 35 स्थान हैं जहां पर शराब परोसी जाती है।
घाटे में हुआ था दुकानों का ठेका
चालू वित्तीय वर्ष में जिले के भीतर शराब दुकानों का ठेका घाटे में हुआ था। शासन ने 45 समूहाें में जिले के शहरी और ग्रामीण इलाके को विभाजित किया था। इन क्षेत्रों की सभी 144 दुकानों का आरक्षित मूल्य 7132 करोड़ रुपए रखा गया था। लेकिन कई बार टेंडर की प्रक्रिया के उपरांत 655 करोड़ में ठेका हो सका था।शासन ने अहातों को बंद करने का निर्णय लिया है। उसके क्या नियम होंगे, यह आबकारी नीति मिलने के उपरांत स्पष्ट हो सकेगा। इसी प्रकार शराब दुकानों के ठेकेे के लिए नियम भी जल्द सामने आएंगे।