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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया सहकारिता विभाग के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया सहकारिता विभाग के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन

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“सहकार से समृद्धि” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

रायपुर, 3 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ सरकार सहकारिता को बढ़ावा देकर राज्य के आर्थिक विकास को नई दिशा देने के प्रयासों में लगातार सक्रिय है। इसी क्रम में, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय में सहकारिता विभाग के वार्षिक कैलेंडर का विमोचन किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप सहित अन्य कैबिनेट मंत्रीगण, अधिकारीगण और सहकारी क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्तित्व उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सहकारिता विभाग की पहल की सराहना करते हुए कहा कि “सहकार से समृद्धि” के मूलमंत्र को साकार करने की दिशा में यह कैलेंडर सहकारिता क्षेत्र में हो रहे नवाचारों और उपलब्धियों का प्रतीक है। उन्होंने इस पहल को राज्य के सहकारी तंत्र को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और लाभदायक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

सहकारिता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता

मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष’ घोषित किया गया है। यह भारत सहित पूरी दुनिया के लिए सहकारिता आंदोलन को सशक्त करने का सुनहरा अवसर है। भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा इस अवसर पर “सहकार से समृद्धि” अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं, जिनका प्रभाव छत्तीसगढ़ में भी व्यापक रूप से देखने को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक विकास का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास का एक प्रभावी उपकरण है। छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में कई नवाचार कर रही है, जिससे किसानों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी समितियों और ग्रामीण उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा।

वार्षिक कैलेंडर: सहकारिता योजनाओं का रोडमैप

सहकारिता विभाग द्वारा प्रकाशित वार्षिक कैलेंडर में राज्य सरकार की विभिन्न सहकारी योजनाओं को शामिल किया गया है। इस कैलेंडर के माध्यम से सहकारी संस्थाओं, किसानों, व्यापारियों और संबंधित हितधारकों को राज्य में संचालित सहकारी गतिविधियों की जानकारी मिलेगी।

प्रमुख योजनाएँ और गतिविधियाँ

1. धान खरीदी एवं भंडारण प्रक्रिया का विस्तार – किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, इसके लिए धान खरीदी और भंडारण सुविधाओं को आधुनिक बनाया जाएगा।

2. प्रधानमंत्री जन औषधि स्टोर एवं कॉमन सर्विस सेंटर की स्थापना – ग्रामीण क्षेत्रों में किफायती दवाइयाँ और डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए नए केंद्र खोले जाएंगे।

3. विशाल अन्न भंडारण के लिए नवीन गोदामों का निर्माण – छत्तीसगढ़ को खाद्यान्न भंडारण में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अत्याधुनिक गोदाम बनाए जाएंगे।

4. किसानों को एटीएम कार्ड एवं पैक्स में माइक्रो एटीएम सुविधा – सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को सीधे उनके खातों में भुगतान सुनिश्चित करने के लिए यह पहल की गई है।

5. नवीन पैक्स सोसाइटी, डेयरी एवं मत्स्य सहकारी समितियों का पंजीयन एवं सशक्तिकरण – सहकारिता के दायरे को बढ़ाते हुए डेयरी, मत्स्य और अन्य सहकारी समितियों को बढ़ावा दिया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं का प्रभाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर व्यापक होगा और इससे प्रदेश के किसान, छोटे उद्यमी और सहकारी संस्थाएँ आर्थिक रूप से मजबूत होंगी।

छत्तीसगढ़ में सहकारिता की बढ़ती भूमिका

सहकारिता मॉडल को प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। सहकारिता क्षेत्र में सुधार लाने के लिए नई तकनीकों और डिजिटल साधनों का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता पारदर्शिता, सुगमता और किसानों के हित में योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।

राज्य में सहकारी बैंकों और संस्थाओं को मजबूत करने के लिए नई नीतियाँ बनाई जा रही हैं, जिससे किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण, कृषि संबंधी उपकरणों पर सब्सिडी और अन्य वित्तीय लाभ मिल सकें।

भविष्य की योजनाएँ

राज्य सरकार सहकारी क्षेत्र को और अधिक गतिशील बनाने के लिए कई नई योजनाएँ लागू करने की दिशा में काम कर रही है। इनमें शामिल हैं:

सहकारी कृषि बाजारों का विस्तार, जिससे किसानों को सीधे उपभोक्ताओं तक अपनी फसल बेचने का अवसर मिलेगा।

स्मार्ट सहकारी समितियों की स्थापना, जिनमें डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन व्यापार की सुविधाएँ होंगी।

ग्राम स्तर पर सहकारी प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, ताकि ग्रामीण युवाओं और किसानों को सहकारिता के नए अवसरों के बारे में जागरूक किया जा सके।

कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य हस्तियाँ

इस महत्वपूर्ण अवसर पर राज्य के प्रशासनिक और सहकारी क्षेत्र से जुड़े कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इनमें मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सहकारिता सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ कुलदीप शर्मा, अपर आयुक्त सहकारिता एवं प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक एल. कांडे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

इसके अलावा, सहायक पंजीयक मनीष खोबरागड़े, अपेक्स बैंक के प्रबंधक अभिषेक तिवारी, लेखा अधिकारी प्रभाकर कांत यादव सहित सहकारिता विभाग के कई अधिकारीगण और सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

“सहकार से समृद्धि” की दिशा में आगे बढ़ता छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सहकारिता न केवल किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाने का माध्यम बनेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वार्षिक कैलेंडर के माध्यम से सहकारी तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा और इसका लाभ समाज के हर तबके तक पहुँचेगा।

उन्होंने सहकारिता विभाग को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह कैलेंडर सहकारी संस्थानों, किसानों और हितधारकों के लिए एक गाइडलाइन की तरह काम करेगा।

छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल राज्य में सहकारिता आंदोलन को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सहकारिता आधारित योजनाओं के माध्यम से किसानों, व्यापारियों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है।

वार्षिक कैलेंडर का विमोचन इस बात का संकेत है कि सरकार सहकारिता को नए आयाम देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके माध्यम से प्रदेश को आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर किया जाएगा।

Ashish Sinha

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