
बिलासपुर पुलिस ने किया 48 लाख की साइबर ठगी का पर्दाफाश: अंतर्राज्यीय गिरोह के तीन शातिर आरोपी गिरफ्तार
बिलासपुर पुलिस ने किया 48 लाख की साइबर ठगी का पर्दाफाश: अंतर्राज्यीय गिरोह के तीन शातिर आरोपी गिरफ्तार
बिलासपुर पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए महाराष्ट्र के तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी इन्वेस्टमेंट के नाम पर लाखों रुपये की ठगी को अंजाम दे रहे थे। पुलिस की तत्परता और साइबर विशेषज्ञों की मदद से यह कार्रवाई संभव हुई। आरोपियों के कब्जे से ठगी में प्रयुक्त मोबाइल फोन, बैंक अकाउंट डिटेल्स और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है। इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
बिलासपुर साइबर थाना रेंज में एक पीड़ित द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई, जिसमें बताया गया कि उसे इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी का शिकार बनाया गया है। पीड़ित के बैंक खाते से ₹48,91,061 की बड़ी रकम निकाली गई थी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच शुरू की।
पुलिस जांच में सामने आया कि यह एक संगठित साइबर अपराधी गिरोह है, जो लोगों को इन्वेस्टमेंट और हाई-रिटर्न स्कीम्स के नाम पर फंसाकर उनसे बड़ी रकम ऐंठता था। आरोपी पहले सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लोगों से संपर्क करते थे और उन्हें निवेश के लिए लुभाते थे। जब कोई व्यक्ति इनके जाल में फंस जाता, तो ये उसे अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते और रकम मिलते ही नंबर बंद कर देते थे।
बिलासपुर पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से आरोपियों के मोबाइल नंबरों, बैंक ट्रांजैक्शनों और अन्य डिजिटल फुटप्रिंट्स की बारीकी से जांच की। साइबर पुलिस ने विभिन्न बैंक अकाउंट्स को ट्रैक किया और अंततः महाराष्ट्र में तीन मुख्य आरोपियों की पहचान कर ली। फिर एक विशेष टीम को महाराष्ट्र भेजा गया, जहां आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी महाराष्ट्र के निवासी हैं। पुलिस ने इनके पास से कई मोबाइल फोन, बैंक खाते से जुड़े दस्तावेज, फर्जी सिम कार्ड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह के अन्य सदस्य भी हो सकते हैं और इस दिशा में आगे की जांच जारी है।
बिलासपुर पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति के निवेश के झांसे में न आएं और बैंकिंग या वित्तीय लेन-देन के मामलों में सतर्कता बरतें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि साइबर अपराधों को रोका जा सके।
यह मामला इस बात का प्रमाण है कि साइबर अपराधी नई-नई तरकीबें अपनाकर भोले-भाले लोगों को ठगने में लगे हुए हैं। ऐसे में आम जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है, लेकिन अभी भी कई और साइबर ठग सक्रिय हो सकते हैं। जागरूकता और सतर्कता ही साइबर ठगी से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।