
छत्तीसगढ़ में सीबीआई कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन: राजनीतिक संग्राम तेज
छत्तीसगढ़ में सीबीआई कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन: राजनीतिक संग्राम तेज
रायपुर, 27 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राष्ट्रीय सचिव एवं विधायक देवेंद्र यादव सहित अन्य कांग्रेस नेताओं के निवास और कार्यालयों में छापेमारी की। इसे लेकर कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र व राज्य सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया।
भाजपा पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा अब राजनीति करने के लिए जांच एजेंसियों का सहारा ले रही है। उनका आरोप है कि सीबीआई अब निष्पक्ष एजेंसी के बजाय भाजपा की “एजेंट” बनकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई कांग्रेस को डराने और दबाने की कोशिश है, लेकिन कांग्रेस इससे पीछे हटने वाली नहीं है।
प्रदेशव्यापी प्रदर्शन, कई जिलों में पुतला दहन
सीबीआई की इस कार्रवाई के विरोध में आज रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, महासमुंद, दुर्ग, राजनांदगांव, जगदलपुर, कांकेर, सरगुजा सहित प्रदेशभर के कई जिलों में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का पुतला जलाकर विरोध जताया।
राजनीति या भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला सिर्फ एक जांच नहीं बल्कि राजनीतिक शक्ति संतुलन से भी जुड़ा है। जहां कांग्रेस इसे प्रतिशोध की कार्रवाई बता रही है, वहीं भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जरूरी कदम बता रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और किसी भी भ्रष्टाचार के मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
2024 लोकसभा चुनाव के बाद बढ़ा टकराव
छत्तीसगढ़ में भाजपा ने हाल ही में सत्ता संभाली है, लेकिन कांग्रेस अभी भी मजबूत विपक्ष के रूप में सक्रिय है। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को झटका लगा था, लेकिन उसके बाद पार्टी लगातार राज्य सरकार को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। सीबीआई की इस कार्रवाई से कांग्रेस को एक और मुद्दा मिल गया है, जिससे वह भाजपा को घेर सकती है।
आगे क्या?
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर और आक्रामक हो सकती है। पार्टी की रणनीति इसे जनता के बीच ले जाकर सरकार पर दबाव बनाने की है। वहीं, भाजपा के लिए यह एक चुनौती होगी कि वह कानून और राजनीति के बीच संतुलन कैसे बनाए रखे।
यह मामला अब केवल एक जांच तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की राजनीति में भविष्य की सियासी लड़ाई की रूपरेखा तैयार कर रहा है।