ताजा ख़बरेंदेशब्रेकिंग न्यूज़

भ्रष्टाचार मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने डीसीडब्ल्यू प्रमुख के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई

भ्रष्टाचार मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने डीसीडब्ल्यू प्रमुख के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाई

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप तय करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी है। यह मामला स्वाति पर आयोग में विभिन्न पदों पर आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों की भर्ती में अपने पद के कथित दुरूपयोग से संबंधित है।
अदालत ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 26 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है। मालीवाल ने हाल ही में हाईकोर्ट का रुख कर आरोपों को रद्द करने का निर्देश देने और अंतरिम राहत के रूप में आदेश पर रोक लगाने की मांग की।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डीआईजी विनय सिंह ने मालीवाल और 3 अन्य प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत आपराधिक साजिश रचने और अन्य अपराधों के लिए रोकथाम या भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13(1)(डी), 13(1)(2) और 13(2) के तहत आरोप तय किए थे।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के समक्ष 11 अगस्त 2016 को विधानसभा की पूर्व सदस्य (विधायक) बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। दर्ज शिकायत के आधार पर शुरू में जांच हुई और बाद में प्राथमिकी दर्ज की गई।

अभियोजन पक्ष द्वारा यह दावा किया गया है कि आप कार्यकर्ताओं और परिचितों को डीसीडब्ल्यू के विभिन्न पदों पर उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त करके, योग्य उम्मीदवारों के वैध अधिकारों का उल्लंघन किया गया।

अदालत ने कहा था कि उपरोक्त चर्चा भी प्रथम ²ष्टया इंगित करती है कि ज्यादातर नियुक्तियां आरोपी व्यक्तियों/आप पार्टी के निकट और प्रिय लोगों को दी गई थीं। न्यायाधीश ने कहा था, इस मामले के तथ्यों से पता चलता है कि प्रियजनों और भाई-भतीजावाद के हितों को बढ़ावा देना भी भ्रष्टाचार का एक रूप है।

अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि डीसीडब्ल्यू में 6 अगस्त 2015 से 1 अगस्त 2016 के बीच 87 नियुक्तियां की गईं। इनमें से 71 लोगों को अनुबंध के आधार पर और 16 को डायल 181 डिस्ट्रेस हेल्पलाइन के लिए नियुक्त किया गया था।

अदालत ने कहा था कि पीसी अधिनियम की धारा 13 (1) (डी) के तहत प्रथम ²ष्टया अभियोग अभी भी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ बनाया जाएगा, क्योंकि डीसीडब्ल्यू एक स्वायत्त निकाय होने पर भी सरकार से धन प्राप्त करता है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!