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मध्य प्रदेश में अप्रैल में ही भीषण गर्मी, नर्मदापुरम में टूटा तापमान का रिकॉर्ड

मध्य प्रदेश में गर्मी ने अप्रैल की शुरुआत में ही रौद्र रूप ले लिया है। नर्मदापुरम में तापमान 44.3 डिग्री तक पहुंचा, जो दो वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुका है।

मध्य प्रदेश में अप्रैल में ही भीषण गर्मी का कहर, नर्मदापुरम में टूटा दो साल का रिकॉर्ड

भोपाल/नर्मदापुरम।मध्य प्रदेश में गर्मी ने अप्रैल की शुरुआत में ही विकराल रूप ले लिया है। राज्य के कई हिस्सों में पारा तेज़ी से चढ़ रहा है, और नर्मदापुरम में तापमान ने तो 44.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचकर पिछले दो वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक गर्मी बढ़ने की चेतावनी जारी की है, जिससे आमजन में चिंता की लहर है।

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नर्मदापुरम में अप्रैल में ही लू जैसे हालात

नर्मदापुरम, जिसे पहले होशंगाबाद के नाम से जाना जाता था, गर्मी के लिहाज से इस बार सबसे अधिक प्रभावित ज़िला बना हुआ है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, यहां 5 अप्रैल को तापमान 44.3 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि 2022 और 2023 की तुलना में सबसे अधिक है।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह तापमान सामान्य से लगभग 6 डिग्री अधिक है, और इसे “हीटवेव कंडीशन” के रूप में वर्गीकृत किया जा रहा है।


राज्य के अन्य हिस्सों में भी तेज़ गर्मी का असर

  • ग्वालियर, खंडवा, खरगोन, रीवा, सतना, और सिंगरौली जैसे जिलों में भी तापमान 42 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया है।

  • भोपाल और इंदौर जैसे प्रमुख शहरों में तापमान 39 से 41 डिग्री के बीच रहा, लेकिन लू जैसे गर्म हवाओं ने दिन को असहनीय बना दिया।

  • ग्रामीण इलाकों में दोपहर के समय सड़कें सुनसान दिख रही हैं, और बाजारों में भी रौनक कम हो गई है।


मौसम विभाग की चेतावनी: आने वाले सप्ताह में हालात और बिगड़ सकते हैं

IMD (भारत मौसम विज्ञान विभाग) के भोपाल स्थित क्षेत्रीय केंद्र ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि:

“राज्य के कई जिलों में आगामी दिनों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। उत्तर और पश्चिमी हवा के प्रभाव से गर्मी में और वृद्धि संभव है।”

मौसम विभाग ने लू (Heatwave) की आशंका को देखते हुए बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है।


गर्मी का असर: स्कूल समय बदले, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

गर्मी के बढ़ते असर को देखते हुए राज्य के कई जिलों में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर कहा है कि स्कूल सुबह जल्दी संचालित किए जाएं ताकि दोपहर की लू से बचाव हो सके।

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वहीं, अस्पतालों में हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, और त्वचा रोगों से संबंधित मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।


क्या कहते हैं मौसम विशेषज्ञ?

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण अब गर्मी का प्रारंभिक समय भी अत्यधिक गर्म होने लगा है।

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. आर.के. शर्मा के अनुसार:

“अप्रैल के पहले सप्ताह में इतना अधिक तापमान असामान्य है। इसका प्रमुख कारण उत्तरी भारत की ओर से आ रही शुष्क हवाएं हैं, जो नमी को समाप्त कर वातावरण को और अधिक गर्म बना रही हैं।”


जनजीवन पर पड़ रहा असर

  • खेती-बाड़ी करने वाले किसान भी प्रभावित हैं, क्योंकि खेतों में दिन के समय काम करना कठिन होता जा रहा है।

  • रोज़गार पर निर्भर मजदूर वर्ग दोपहर में काम करने से बच रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ रहा है।

  • बिजली की मांग में भी बेतहाशा बढ़ोतरी देखी गई है। एसी, कूलर और पंखों की खपत ने बिजली कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है।


जनता की प्रतिक्रिया: ‘गर्मी ने अभी से हाल बेहाल कर दिया’

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मार्च के अंत से ही गर्मी असहनीय हो गई थी, लेकिन अप्रैल की शुरुआत में ही पारा 44 डिग्री तक पहुंचना चौंकाने वाला है।

नर्मदापुरम निवासी एक दुकानदार ने कहा:

“हर साल गर्मी होती है, लेकिन इस बार अप्रैल में ही मई जैसी लू चल रही है। दिन में दुकान चलाना मुश्किल हो गया है।”


सरकारी तैयारी और स्वास्थ्य विभाग की अपील

राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे हीटवेव से सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करें। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस घोल, ठंडा पानी, और इमरजेंसी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने आम नागरिकों को सलाह दी है कि:

  • अधिक से अधिक पानी पिएं

  • खुले शरीर धूप में न निकलें

  • दोपहर 12 से 4 बजे तक घर से बाहर जाने से बचें

  • बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें


अभी तो अप्रैल है, आगे क्या होगा?

मध्य प्रदेश में अभी तो गर्मी की शुरुआत ही है, लेकिन जिस प्रकार तापमान तेजी से बढ़ रहा है, उससे मई और जून के हालात चिंताजनक हो सकते हैं। प्रशासन को समय रहते सभी जिलों में हीट एक्शन प्लान तैयार करना चाहिए और आमजन को भी सावधानी बरतनी होगी।

Ashish Sinha

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