
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बड़ा बयान: “आदिवासी सबसे बड़े हिंदू हैं, सरना उनका धर्मस्थल”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आदिवासी समाज सरना को मानता है और वह सबसे बड़े हिंदू हैं। जानिए क्या है इस बयान का सामाजिक और राजनीतिक महत्व।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान: “आदिवासी सबसे बड़े हिंदू हैं, सरना उनकी आस्था का केंद्र”
रायपुर, छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आदिवासी समुदाय की गहरी धार्मिक आस्था सरना स्थलों से जुड़ी होती है। उन्होंने कहा,
“हमारे आदिवासी लोग सरना को मानते हैं। सरना एक पवित्र स्थान है, जहां पेड़ों का समूह पाया जाता है… आदिवासी सबसे बड़े हिंदू हैं।”
मुख्यमंत्री का यह बयान न केवल धार्मिक पहचान को लेकर महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आदिवासी समाज की सांस्कृतिक विरासत को सम्मान देने की दिशा में भी एक संकेत माना जा रहा है।
सरना स्थल पारंपरिक रूप से आदिवासी समाज का पूजा स्थल होता है, जहां प्रकृति की आराधना की जाती है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह परंपरा सनातन संस्कृति से अलग नहीं, बल्कि उसका ही अभिन्न हिस्सा है।
राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ
मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरना धर्म को लेकर देशभर में बहस चल रही है। झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में आदिवासी समुदाय लंबे समय से ‘सरना कोड’ की मांग कर रहा है ताकि उनकी धार्मिक पहचान को संवैधानिक मान्यता मिल सके।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकार के बयान आदिवासी मतदाताओं को साधने की रणनीति भी हो सकते हैं, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए।