
CG NEWS: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की याचिका पर 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के खिलाफ दायर याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट में 11 अगस्त को सुनवाई होगी। इस याचिका में बघेल ने शराब घोटाले मामले में ईडी की जांच प्रक्रिया और मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA) की धारा 44, 50 और 63 को खुली चुनौती दी है। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा।
मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ कर रही है, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भूइयां और जस्टिस एनके सिंह शामिल हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट किया कि सुनवाई तीन चरणों में होगी — पहले प्राथमिक आपत्तियों पर बहस, फिर जवाब और उसके बाद मामले के गुण-दोष पर चर्चा।
कपिल सिब्बल की आपत्ति — “केस दो दिन में तय होना था”
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि यदि सुनवाई सोमवार तक टलती है, तो तय समयसीमा में फैसला आना कठिन हो जाएगा। उन्होंने धारा 44A को भी अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और उस पर भी तत्काल सुनवाई की मांग रखी। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सोमवार को अदालत पहले बेल मामलों की सुनवाई करेगी और फिर सुबह 11 बजे से इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
“NBW वाले खुलेआम घूम रहे, मेरे बेटे की गिरफ्तारी हो गई”: भूपेश बघेल
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा — “ईडी लगातार पुराने मामलों को खोल रही है और उन्हीं बयानों के आधार पर मेरे बेटे की गिरफ्तारी की गई है। जिनके खिलाफ पहले से नॉन-बेलेबल वारंट (NBW) जारी हैं, वे खुलेआम घूम रहे हैं।” उन्होंने कहा कि ईडी की यह प्रक्रिया न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 44, 50 और 63 को चुनौती दी है। उनका कहना है कि एक बार चार्जशीट दाखिल हो जाने के बाद दोबारा जांच कोर्ट की अनुमति से ही हो सकती है, लेकिन ईडी ने ऐसी कोई अनुमति नहीं ली।
उन्होंने कहा कि धारा 50 के तहत आरोपी से ही गवाही लेना न्याय की मूलभावना के खिलाफ है — कोई व्यक्ति खुद के खिलाफ गवाही कैसे देगा?
2100 करोड़ का घोटाला और चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी
ईडी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री रहते 2019-22 के बीच 2100 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ। इस घोटाले में चैतन्य बघेल को मास्टरमाइंड बताया गया है, जिन्होंने 16.7 करोड़ रुपये की रकम रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में लगाई।
ईडी ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया और 22 जुलाई को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से संरक्षण देने से मना करते हुए उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। फिलहाल चैतन्य बघेल की याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लंबित है, जिस पर जल्द सुनवाई हो सकती है।