
लावा पंचायत में आवास योजना में बड़ा घोटाला! सचिव पर अवैध निकासी के आरोप, जांच टीम पहुंची गांव
बलरामपुर जिले की लावा पंचायत में आवास योजना के तहत गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। रोजगार गारंटी सचिव पर हितग्राहियों के पैसे की अवैध निकासी और जियो टैगिंग में हेरफेर के आरोप लगे हैं। कलेक्टर के निर्देश पर जिला स्तरीय जांच टीम मौके पर पहुंची और कई गड़बड़ियां पाईं।
लावा पंचायत में आवास योजना में बड़ा घोटाला! सचिव पर अवैध निकासी के आरोप, जांच टीम पहुंची गांव
बलरामपुर जिले की लावा पंचायत में आवास योजना के तहत गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। रोजगार गारंटी सचिव पर हितग्राहियों के पैसे की अवैध निकासी और जियो टैगिंग में हेरफेर के आरोप लगे हैं। कलेक्टर के निर्देश पर जिला स्तरीय जांच टीम मौके पर पहुंची और कई गड़बड़ियां पाईं।
लावा पंचायत में आवास योजना में गड़बड़ी का खुलासा, सचिव पर अवैध निकासी के आरोप; जांच टीम पहुंची गांव
बलरामपुर। ग्राम पंचायत लावा (जनपद पंचायत रामचंद्रपुर, पुलिस चौकी विजयनगर) में शासन की प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण में बड़ी अनियमितताओं और अवैध धन निकासी का मामला सामने आया है। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर बलरामपुर को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर जिला स्तरीय जांच टीम गठित कर आज मौके पर जांच की गई।
जिला प्रशासन की टीम में जनपद सीईओ, पीओ अधिकारी सहित अन्य अमला मौजूद था। जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए—
1. संतोष पुरी का आवास निर्माण अधूरा पाया गया, लेकिन किसी दूसरे के पूर्ण मकान का फोटो लगाकर जियो टैग कर पूरा भुगतान जारी कर दिया गया।
2. ओमप्रकाश गुप्ता के नाम से किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं हुआ, फिर भी उनके नाम पर पूरा भुगतान आहरित (निकासी) कर लिया गया।
3. सीताराम कुशवाहा और सत्येंद्र कुशवाहा ने बताया कि उन्हें जियो टैगिंग की कोई जानकारी नहीं दी गई और उनका पैसा खाते में होल्ड पड़ा हुआ है।
4. मुकेश कोड़कू के आवास की राशि हितग्राही को बताए बिना किसी अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दी गई, जबकि उस व्यक्ति ने निर्माण कार्य में कोई भूमिका नहीं निभाई।
जब पंचायत सचिव से पूछताछ की गई तो उन्होंने जियो टैगिंग और भुगतान प्रक्रिया से अवगत न होने की बात कही। वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि रोजगार गारंटी सचिव अनीता गुप्ता की जगह उनके पति ओमप्रकाश गुप्ता ही सचिव का कार्य देखते हैं, जबकि अनीता गुप्ता फील्ड में बहुत कम दिखाई देती हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की धन गमन की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, जिसकी शिकायतें जनपद और जिला सीईओ को कई बार दी जा चुकी हैं। अब ग्रामीणों ने प्रशासन से रोजगार गारंटी सचिव का ट्रांसफर कर ईमानदार अधिकारी की नियुक्ति की मांग की है।
जिला प्रशासन की जांच टीम ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि सभी फाल्ट डाटा एकत्र कर रिपोर्ट कलेक्टर को शीघ्र भेजी जाएगी और दोषियों पर उचित कार्यवाही की जाएगी।