
Bangladesh News: पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ ट्रायल का फैसला सोमवार को, देशभर में तनाव और हिंसा की आशंका
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल सोमवार को फैसला सुनाएगा। देशभर में विरोध, बम धमाके और आगजनी की घटनाएं। सेना तैनात, स्कूल बंद।
शेख हसीना के खिलाफ फैसले से पहले बांग्लादेश में तनाव, देशभर में हिंसा और बंद का ऐलान
ढाका, 12 नवंबर 2025 | संवाददाता ! बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मुकदमे के फैसले से पहले देशभर में तनाव का माहौल बन गया है। राजधानी ढाका सहित कई शहरों में बम धमाके, आगजनी और हिंसक घटनाएं हुई हैं। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।
पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने शेख हसीना के ट्रायल के विरोध में देशव्यापी लॉकडाउन बुलाया है। कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं। ढाका, चिटगांव, सिलहट और खुलना जैसे प्रमुख शहरों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर असर देखा जा रहा है।
ढाका में इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) के बाहर सेना और रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) की तैनाती की गई है। फैसले से पहले पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी प्रशासनिक अधिकारी 24 घंटे की ड्यूटी पर तैनात हैं।
ट्रिब्यूनल शेख हसीना और दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों — पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल और पूर्व आईजीपी चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून — के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराधों के पाँच गंभीर आरोपों की सुनवाई कर रहा है।
बीते 23 अक्टूबर को 28 दिन चली सुनवाई पूरी हुई थी, जिसमें 54 गवाहों ने बयान दर्ज कराए। आरोपों के मुताबिक —
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हत्या, हत्या का प्रयास, टॉर्चर और इनह्यूमन एक्ट्स।
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प्रदर्शनकारियों के सफाए का आदेश देने का आरोप।
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भड़काऊ भाषण देने और छात्रों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल के निर्देश।
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ढाका और आसपास के इलाकों में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों (जिनमें छात्र भी शामिल थे) की गोली मारकर हत्या।
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सरकार विरोधी आंदोलनों को कुचलने के लिए अत्यधिक बल प्रयोग।
ICT के चीफ प्रॉसिक्यूटर मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने अदालत में कहा कि शेख हसीना “1,400 मौत की जिम्मेदार हैं।” उन्होंने कहा,
“इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत के लिए उन्हें एक नहीं, हजारों मौत की सजा मिलनी चाहिए। लेकिन चूंकि यह मानव रूप से संभव नहीं है, इसलिए हम कम से कम एक डेथ पेनल्टी की मांग करते हैं।”
उन्होंने हसीना को “कठोर अपराधी” बताते हुए कहा कि “उन्हें अपनी की गई बर्बरता पर कोई पछतावा नहीं है।”
संयुक्त राष्ट्र की फरवरी 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष ढाका में हुई हिंसा में लगभग 1,400 लोगों की मौत हुई थी। जबकि बांग्लादेश सरकार के स्वास्थ्य सलाहकारों का कहना है कि मृतकों की संख्या 800 से अधिक थी और 14,000 लोग घायल हुए थे।
इन घटनाओं के बाद से शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं और वहीं से अपने वकीलों के जरिए कानूनी प्रक्रिया में भाग ले रही हैं।
इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) अब सोमवार, 17 नवंबर 2025 को इस ऐतिहासिक मामले में अपना फैसला सुनाने वाला है। इस फैसले पर न केवल बांग्लादेश, बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं।











