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राम मंदिर ध्वजारोहण में अलीगढ़ की कारीगरी का चमकेगा जलवा

अयोध्या राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में अलीगढ़ की नक्काशीदार कांसा-पीतल की घंटियां पहली बार उपयोग होंगी। कारीगरों की कला और घंटियों की दिव्य ध्वनि बनेगी आकर्षण।

अयोध्या ध्वजारोहण समारोह में गूंजेंगी अलीगढ़ की खास घंटियां, कारीगरों की नक्काशी ने जीता दिल

अयोध्या में 25 नवंबर को आयोजित होने वाले भव्य राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में इस बार अलीगढ़ की बनी खास घंटियों की गूंज माहौल को और भी पवित्र व दिव्य बनाने वाली है। पहली बार तालानगरी अलीगढ़ के पारंपरिक धातु उद्योग की कलाकृतियाँ सीधे श्रीराम जन्मभूमि के विशेष आयोजन में उपयोग की जा रही हैं, जिससे स्थानीय कारीगरों और उद्योग जगत में जोरदार उत्साह है।

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बारीक नक्काशी बनी आकर्षण का केंद्र

अलीगढ़ के कारीगरों द्वारा तैयार की गई इन घंटियों की सबसे बड़ी विशेषता है उन पर की गई देवी-देवताओं की सूक्ष्म नक्काशी। प्रत्येक घंटी पर लक्ष्मी-गणेश, भगवान विष्णु और अन्य दैवी स्वरूपों की बेहद बारीकी से की गई नक्काशी इन घंटियों को आध्यात्मिक और कलात्मक दृष्टि से अनमोल बनाती है।

कारीगरों का कहना है कि हर घंटी को हाथों से उकेरा गया है, जिसमें पारंपरिक कलात्मकता और आधुनिक कारीगरी दोनों का सुंदर संगम दिखाई देता है। यह नक्काशी न केवल सौंदर्य बढ़ाती है, बल्कि मंदिर की दिव्यता के अनुरूप एक अलग आध्यात्मिक स्पर्श भी प्रदान करती है।

छोटी से लेकर 12 इंच की बड़ी घंटियों तक तैयार

अलीगढ़ के प्रसिद्ध कारीगरों ने 1 इंच से लेकर 12 इंच तक की विभिन्न आकार की घंटियाँ तैयार की हैं। इनमें शामिल हैं—

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  • हाथ से बजाई जाने वाली छोटी घंटियाँ
  • मंदिरों की छत पर टांगी जाने वाली बड़ी घंटियाँ

सभी घंटियों को कांसा और पीतल के मिश्रण से पारंपरिक विधि के अनुसार ढाला गया है। यह मिश्रण न केवल घंटियों को मजबूती देता है, बल्कि उनकी ध्वनि को अत्यधिक मधुर और दूर तक गूंजने वाला बनाता है।

कारीगरों के अनुसार, इन घंटियों की टनकार ऐसी है कि मंदिर परिसर में शुद्धता, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक वातावरण स्वतः निर्मित हो जाता है।

अलीगढ़ के कारीगरों में खुशी और गर्व

अयोध्या में राम मंदिर के लिए अलीगढ़ की घंटियों का चयन होना स्थानीय कारीगरों के लिए गर्व का विषय है। पारंपरिक धातु उद्योग से जुड़े शिल्पकार लंबे समय से देशभर में अपनी कला के लिए जाने जाते रहे हैं, और अब यह उपलब्धि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दे रही है।

अलीगढ़ के उद्योग जगत के अनुसार, यह अवसर न केवल कारीगरों के कौशल को सम्मान देता है, बल्कि भविष्य में पारंपरिक घंटियों, मूर्तियों और अन्य धार्मिक सामग्रियों की मांग को भी बढ़ा सकता है।

ध्वजारोहण समारोह में बढ़ेगी भव्यता

राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रहने की संभावना है। ऐसे में अलीगढ़ की घंटियों की गूंज पूरे परिसर में दिव्य वातावरण बनाएगी। इन घंटियों की ध्वनि, नक्काशी और निर्माण कौशल इस विशेष आयोजन का अहम हिस्सा बनने जा रही है।


 

Ashish Sinha

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