
SIR विवाद: सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, 12 राज्यों में वोटर लिस्ट रिवीजन पर राजनीति तेज
सुप्रीम कोर्ट ने SIR प्रक्रिया पर तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्यों और चुनाव आयोग से जवाब मांगा। 12 राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन जारी है। कांग्रेस ने BLOs की मौतों को लेकर गंभीर आरोप लगाए, जबकि अदालत ने आधार कार्ड की विश्वसनीयता पर चिंता जताई।
SIR विवाद: सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस, 12 राज्यों में वोटर लिस्ट रिवीजन पर सवाल तेज
नई दिल्ली। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और केरल की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस दौरान चुनाव आयोग (ECI) ने अदालत को बताया कि राजनीतिक दल SIR प्रक्रिया को लेकर “जानबूझकर डर का माहौल” बना रहे हैं। कोर्ट ने राज्यों से कहा कि यदि कोई ठोस आधार दिया जाता है तो वह SIR प्रक्रिया की समयसीमा बढ़ाने पर विचार कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुनवाई के दौरान CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने स्पष्ट किया कि—
“SIR पहले कभी नहीं हुआ, यह सिर्फ इसलिए प्रक्रिया को चुनौती देने का आधार नहीं हो सकता।”
कोर्ट ने केरल सरकार की याचिका पर केंद्र और राज्य चुनाव आयोग से 1 दिसंबर तक जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
चुनाव आयोग की समयसीमा
ECI ने बताया कि SIR प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी।
इसके बाद प्रमुख माइलस्टोन इस प्रकार हैं—
- 9 दिसंबर 2025: ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल जारी
- 9 दिसंबर 2025 – 8 जनवरी 2026: क्लेम और ऑब्जेक्शन
- 9 दिसंबर – 31 जनवरी 2026: नोटिस फेज (हियरिंग वेरिफिकेशन)
- 7 फरवरी 2026: फाइनल वोटर लिस्ट पब्लिश
SIR का दूसरा चरण अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, UP, पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहा है।
पहला फेज बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पूरा हो चुका है।
कांग्रेस का आरोप—“BLO की मौतें दिनदहाड़े मर्डर जैसी”
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने SIR प्रक्रिया के चलते बढ़ते दबाव और मौतों को लेकर गंभीर बयान दिया। उन्होंने कहा—
- “20 दिनों में 26 BLOs की मौत दिनदहाड़े मर्डर जैसी है।”
- गोंडा के BLO विपिन यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि—
“परिवार ने बताया कि उन पर पिछड़े वर्ग के लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने का दबाव था।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार “SIR को जल्दबाज़ी में वोट चोरी का सबसे ताकतवर तरीका” बना रही है।
आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता
अदालत ने आधार कार्ड की विश्वसनीयता को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
बंगाल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां—
- पैसे देकर आधार बनवाया जा रहा है,
- घुसपैठियों के पास भी आधार कार्ड पाए गए हैं।
CJI ने पूछा—
“अगर अवैध नागरिकों के पास आधार कार्ड है, तो क्या उन्हें वोट देने का अधिकार मिल जाना चाहिए?”
पश्चिम बंगाल में TMC का विरोध तेज
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC लगातार SIR का विरोध कर रही है।
शुक्रवार को TMC का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में चुनाव आयोग से मिला।
डेलीगेशन में डेरेक ओ’ब्रायन और कल्याण बनर्जी शामिल थे।
TMC ने दावा किया कि SIR प्रक्रिया—
- प्रशासनिक अव्यवस्था बढ़ाती है,
- राजनीतिक रूप से संवेदनशील इलाकों में खतरा पैदा करती है,
- और मतदाताओं के अधिकार प्रभावित करती है।







