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पीरियड लीव नीति लागू, सरकारी महिला कर्मचारियों को हर महीने 1 दिन की पेड छुट्टी

कर्नाटक सरकार ने सरकारी महिला कर्मचारियों के लिए पेड पीरियड लीव नीति 2025 लागू कर दी है। इसके तहत 18 से 52 वर्ष आयु की महिलाओं को हर महीने एक दिन की मासिक धर्म छुट्टी मिलेगी, और इसे लेने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी।

 

बैंगलोर। कर्नाटक सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए पेड मेंस्ट्रुअल लीव (पीरियड लीव) नीति 2025 को लागू कर दिया है। इस नीति के तहत 18 से 52 वर्ष आयु की सभी सरकारी महिला कर्मचारियों को हर महीने एक दिन की पेड पीरियड लीव मिलेगी। वर्ष भर में यह कुल 12 छुट्टियों के बराबर होगी।

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महत्वपूर्ण नियम और सुविधाएं

  • पीरियड लीव लेने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं
  • यह छुट्टी किसी अन्य छुट्टी के साथ जोड़ी नहीं जा सकती
  • दफ्तरों में पीरियड लीव का अलग रिकॉर्ड रखा जाएगा
  • नीति स्थायी, संविदा और आउटसोर्स महिला कर्मचारियों पर लागू होगी।
  • राज्य में करीब 60 लाख कामकाजी महिलाएं हैं, जिनमें से 25–30 लाख कॉर्पोरेट सेक्टर में कार्यरत हैं।

नीति बनाने की प्रक्रिया

  • पॉलिसी को मंजूरी देने से पहले 18 सदस्यों की कमेटी ने सुझाव दिए थे, जिसमें महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव, पीरियड के दौरान उन्हें होने वाली कठिनाइयां और आराम की जरूरत को ध्यान में रखा गया।
  • कमेटी का नेतृत्व क्राइस्ट यूनिवर्सिटी की लॉ डिपार्टमेंट चीफ सपना एस ने किया।
  • सरकार ने विभिन्न विभागों और उद्योगों से सुझाव लेकर इसके फायदे और नुकसान का आकलन किया।

विवाद और निर्णय

  • नवंबर में बैंगलोर होटल्स एसोसिएशन (BHA) ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि प्राइवेट सेक्टर में महिलाओं को यह सुविधा दी गई है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों को नहीं।
  • कोर्ट की सुनवाई और सुझावों के बाद सरकारी महिला कर्मचारियों पर भी पेड पीरियड लीव लागू करने का आदेश जारी किया गया।

अन्य राज्यों में स्थिति

  • बिहार: महिलाओं को हर महीने दो पीरियड लीव
  • ओडिशा: सरकारी विभागों में काम करने वाली महिलाओं के लिए एक पीरियड लीव
  • कर्नाटक इस सूची में शामिल हुआ है और इसे लागू करने वाला एक प्रगतिशील कदम माना जा रहा है।

सरकार का उद्देश्य

कर्नाटक सरकार का कहना है कि यह कदम महिला कर्मचारियों की सुविधा और कार्यस्थल पर भलाई को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। इससे महिलाओं को अपने स्वास्थ्य और काम में संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।


 

Ashish Sinha

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