
हेल्थ–नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल लोकसभा से पास, पान मसाला-सिगरेट होंगे महंगे: निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान
लोकसभा ने हेल्थ–नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल पास किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह सेस हानिकारक वस्तुओं पर लगेगा और राजस्व राष्ट्रीय सुरक्षा व स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर में खर्च होगा। पान मसाला, सिगरेट और तंबाकू उत्पाद महंगे होंगे।
हेल्थ–नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल लोकसभा से पास, पान मसाला-सिगरेट पर महंगा होगा टैक्स: वित्त मंत्री ने कहा—‘कारगिल में तैयारी की कमी से नुकसान हुआ, अब दोबारा वैसा नहीं होने देंगे’

लोकसभा में शुक्रवार को हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल दो दिन की लंबी चर्चा के बाद पारित हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिल पर जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि यह सेस आवश्यक वस्तुओं पर नहीं, बल्कि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली हानिकारक वस्तुओं—जैसे सिगरेट, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों पर लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे मिलने वाला राजस्व न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।
वित्त मंत्री: आम नागरिक पर बोझ नहीं, हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स
सीतारमण ने सदन में कहा—
- “सेस का उद्देश्य नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ डालना नहीं है। इसे केवल उन प्रोडक्ट्स पर लगाया जाएगा जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाते हैं।”
- “राजस्व का हिस्सा राज्यों के साथ साझा होगा ताकि विशिष्ट स्वास्थ्य योजनाओं को वित्तीय मजबूती मिल सके।”
- “40% जीएसटी के अलावा पान मसाला इकाइयों पर स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर भी लगाया जाएगा।”
इससे स्पष्ट है कि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट जैसे उत्पाद और महंगे होने वाले हैं।
नेशनल सिक्योरिटी को लेकर सरकार का तर्क
वित्त मंत्री ने बिल का मुख्य आधार बताते हुए कहा:
- “आज की दुनिया हाई-टेक वॉर का दौर है—प्रिसिजन वेपन्स, स्पेस एसेट, और साइबर ऑपरेशन बेहद महंगे होते हैं।”
- “इसलिए देश को फंडिंग का एक स्थायी स्रोत चाहिए, जो जनता पर बोझ डाले बिना उपलब्ध हो।”
उन्होंने कहा कि यह सेस सुरक्षा व्यवस्था को भविष्य के खतरों के लिए तैयार करने में मदद देगा।
कारगिल युद्ध का उदाहरण देते हुए वित्त मंत्री का बड़ा बयान
सीतारमण ने चर्चा के दौरान जोर देकर कहा—
“कारगिल लड़ाई में भारत को नुकसान इसलिए हुआ क्योंकि सेना के पास बजट की कमी के कारण मात्र 70–80% हथियार और गोला-बारूद था। हम नहीं चाहते कि भारत फिर कभी ऐसी स्थिति में पहुंचे।”
यह बयान बताते हुए उन्होंने कहा कि 1990 के दशक से बजट की कमी के मुद्दों ने सैन्य तैयारी को प्रभावित किया था।
सरकार अब इस स्थिति को सुधारना चाहती है ताकि रक्षा तैयारियों में कोई कमी न रहे।
सार्वजनिक स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बड़ा लाभ
बिल के तहत:
- राज्यों को प्राप्त राजस्व का हिस्सा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में लगेगा।
- सरकार का फोकस है कि लोगों की हेल्थ रिस्क कम हो, खासकर तंबाकू संबंधित बीमारियों से।
- पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के खपत में कमी लाने का भी अप्रत्यक्ष उद्देश्य है।
बिल पास होते ही पान मसाला और सिगरेट महंगे
बिल के पारित होते ही यह साफ है कि:
- सिगरेट, पान मसाला, गुटखा
- फ्लेवर्ड तंबाकू, क्यूबन / स्मोकिंग प्रोडक्ट्स
पर अतिरिक्त टैक्स लगेगा, जिससे कीमतें बढ़ेंगी।











