
अंबिकापुर: ग्रामीणों की शिकायतों पर कलेक्टर सख्त, सभी कार्यालयों में आधार-बेस्ड उपस्थिति और समय पालन अनिवार्य
अंबिकापुर में कलेक्टर विलास भोसकर ने सभी विभागीय और विकासखंड स्तरीय कार्यालयों को कड़े निर्देश जारी किए। आधार-बेस्ड उपस्थिति, समय पालन, नेम प्लेट, मोबाइल नंबर डिस्प्ले और दो-दिवसीय उपस्थिति जांच को अनिवार्य किया गया है।
ग्रामीण शिकायतों पर सख्त हुई प्रशासनिक व्यवस्था: कलेक्टर ने कार्यालयों में अनुशासन और पारदर्शिता के लिए जारी किए कड़े निर्देश
अंबिकापुर, 12 दिसंबर 2025। ग्रामीण क्षेत्रों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिला प्रशासन ने सभी विभागीय एवं विकासखंड स्तरीय कार्यालयों में अनुशासन और पारदर्शिता के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। कलेक्टर विलास भोसकर ने स्पष्ट कहा है कि इन निर्देशों का उद्देश्य आम जनता को समय पर सेवा उपलब्ध कराना, सरकारी कार्यप्रणाली को सुचारू बनाना और ग्रामीण नागरिकों को अनावश्यक परेशानियों से बचाना है।
कार्यालयों में उपस्थिति पर सख़्त निर्देश
- सभी अधिकारी और कर्मचारी प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक अपने कक्ष/शाखा में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
- अनुपस्थित पाए जाने पर आमजन यदि फोटो सहित शिकायत प्रस्तुत करते हैं तो संबंधित कर्मचारी/अधिकारी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
- कार्यालय प्रमुख हर दो दिन में उपस्थिति की जांच करेंगे।
- समय पर उपस्थित न रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
आधार-बेस्ड उपस्थिति अनिवार्य
- जिले के सभी विभागों और कार्यालयों में कार्यरत प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी की उपस्थिति अब आधार आधारित बायोमेट्रिक सिस्टम से दर्ज होगी।
- इसी उपस्थिति के आधार पर वेतन आहरण किया जाएगा।
- 1 जनवरी से पहले सभी कर्मचारियों को आधार-आधारित पंजीयन अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा।
- पंजीयन में समस्या होने पर NIC/छप्ब् कार्यालय में तकनीकी सहयोग उपलब्ध रहेगा।
कार्यालयों में पारदर्शिता बढ़ाने के कदम
- सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का मोबाइल नंबर कार्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित किया जाएगा।
- प्रत्येक टेबल पर नाम, पदनाम और मोबाइल नंबर की नेम प्लेट अनिवार्य होगी।
- शासकीय कार्य से बाहर जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी को एक विशेष पंजी में उद्देश्य, स्थान और समय अंकित करना अनिवार्य होगा।
कार्यालय प्रमुख भी होंगे जिम्मेदार
आकस्मिक निरीक्षण में यदि कोई अधिकारी, कर्मचारी या कार्यालय निर्धारित नियमों का पालन करते पाया गया तो कार्यालय प्रमुख भी जवाबदेह होंगे और उन पर भी कार्रवाई प्रस्तावित की जा सकती है।
ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए सख्त कदम
कलेक्टर ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायतें लगातार मिल रही थीं कि वे कार्यालय पहुंचते हैं तो कर्मचारी समय पर उपलब्ध नहीं होते या अपने कक्ष में मौजूद नहीं रहते। इसके कारण गांव से आने वाले लोगों को घंटों इंतजार, आवागमन की कठिनाई और अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ता है।
इसी समस्या के समाधान के लिए प्रशासन ने सख्त अनुशासनात्मक निर्देश जारी किए हैं।








