छत्तीसगढ़ब्रेकिंग न्यूज़राज्यसरगुजा

कार्यालय में बैठे-बैठे ही वेतन लेने का सपना देखना बंद करें-कलेक्टर

प्रभा सिंह यादव/ब्यूरो चीफ/सरगुजा//  कलेक्टर संजीव कुमार झा ने कहा है कि पशु पालन एवं पशु चिकित्सा विभाग पर पशु संवर्धन एवं ग्रामीण आजीविका संवर्धन का महत्वपूर्ण दायित्व है। मैदानी क्षेत्रों में भ्रमण कर इन कार्यों में शत्प्रतिशत प्रगति लाएं,  कार्यालय में बैठे-बैठे ही वेतन लेने का सपना देखना बंद करें। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय कार्यालयों में संलग्न पशु चिकित्सकों को मैदानी क्षेत्र के कार्यालयों में पदस्थ करें और उनके लिए समयबद्ध कार्यक्रम निर्धारित करें। अब हर महीने कार्यों की प्रगति के लिए समीक्षा बैठक ली जाएगी। कलेक्टर ने यह निर्देश गुरूवार को यहां कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित पशु चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने कहा कि जिले में संचालित सभी 262 गौठानों में 15 जुलाई तक नेपियर घास लगाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही प्रत्येक पशु चिकित्सक को समय-सीमा में एक-एक गांव को पूर्ण कृत्रिम गर्भाधान युक्त गांव बनाने का लक्ष्य भी दें। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को लिखित में आदेश दें कि गौठनान में पशु पालन संबंधी गतिविधियों में किसी प्रकार की हानि होती है तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित चिकित्सक की होगी। उन्होंने कहा कि गौठानो में पशुधन विकास तथा आजीविका संवर्धन के गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक नोडल अधिकारी नवाचार हेतु प्रस्ताव तैयार करें और अगले दो दिन में जिला कार्यालय को प्रेषित करें। प्रस्ताव अनुकूल पाए जाने पर राशि की व्यवस्था डीएमएफ मद से की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि चिकित्सकों को गौठान में पशु संवर्धन के लिए जरूरी व्यवस्था हेतु तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करें। गौठान में सभी प्रकार के पंजियों का संधारण करांए तथा नियमित रूप से उसकी मॉनिटरिंग भी करें। उन्होंने कहा कि सकालों में संभाग का एक मात्र सुअर फार्म संचालित है जिसकी बेहतर संचालन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि फार्म के प्रबंधक स्वयं कार्य अवधि में वहां उपस्थित रहें और उनके मातहत को भी उपस्थित कराएं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सकालो स्थित मुर्गी फार्म की भी बेहतर संचालन व्यवस्था बनाएं। उन्होंने मुर्गी फार्म में टर्की एवं ऐमू पालन के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए।  जिला अस्तपाल में मिलेंगे 8 घण्टे चिकित्सक-कलेक्टर ने अम्बिकापुर स्थित जिला  पशु अस्पताल की व्यवस्थाओं की जानकारी लेते हुए कहा कि अब जिला पशु अस्पताल प्रातः 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक संचालित करें और इस अवधि में चिकित्सकों की तैनाती भी सुनिश्चित करें ताकि पशुओं की उचित ईलाज हो सके। उन्होंने कहा कि यदि जिला अस्तपाल में चिकित्सकों की कमी हो तो विभिन्न कार्यालयों में संलग्न चिकित्सकों को वहां पदस्थ करें। कलेक्टर ने पशु प्रयोगशाला को कार्यशील करते हुए निरंतर जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब जांच को सशुल्क बनाएं इसके लिए ओपीडी में पशु रोगी कल्याण समिति में निर्धारित शुल्क जमा कराएं। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनय कुमार लंगेह, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ.एन.पी.सिंह सहित सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e
mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

Pradesh Khabar

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!