छत्तीसगढ़राज्यरायपुर

मुख्यमंत्री की घोषणा पर मुख्यालय के शासकीय बहुउददेशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल में होगा उन्नय

एक सप्ताह में स्कूलों का चयन कर उन्नयन की योजना प्रस्तुत करें कलेक्टर

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रायपुर, 06 सितम्बर 2021 मुख्यमंत्री की घोषणा पर त्वरित अमल शुरू जिला मुख्यालय के शासकीय बहुउददेशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल में होगा उन्नयन
एक सप्ताह में स्कूलों का चयन कर उन्नयन की योजना प्रस्तुत करें कलेक्टर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शिक्षक दिवस 5 सितम्बर के अवसर पर रायपुर के आर.डी. तिवारी स्कूल में आयोजित शिक्षा मड़ई में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की तर्ज पर जिला मुख्यालयों के शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल के रूप में विकसित करने की घोषणा पर त्वरित अमल शुरू हो गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री की घोषणा की पूर्ति के लिए एक सप्ताह में जिले के स्कूल का चयन कर उन्नयन की योजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला द्वारा कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक जिला मुख्यालय के शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूल के रूप में विकसित किया जाना है, जिससे इन स्कूलों को प्राचीन गौरव लौट सके और छत्तीसगढ़ के महापुरूषों की अध्ययन स्थली रहें। इन स्कूलों को उत्कृष्ट स्कूलों में विकसित करने के साथ-साथ राष्ट्र भाषा हिन्दी में अध्ययन की उत्तम व्यवस्था हो सके। कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा रायपुर के लिए विशेष रूप से तीन स्कूलों – शासकीय जे.आर. दानी, शासकीय माधवराव सप्रे और शासकीय जे.एन. पाण्डेय स्कूल को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूल के रूप में उन्नयन करने की घोषणा की गई है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला ने कलेक्टरों से कहा है कि मुख्यमंत्री की घोषणा की पूर्ति के लिए एक सप्ताह के भीतर इन स्कूलों के उन्नयन की योजना बनाकर प्रस्तुत करें। योजना बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि स्कूल के वर्तमान भवन को तोड़ा जाना नहीं है, बल्कि उसे रिस्टोर करके उसके पुराने गौरव को लौटाना है। इसके लिए अनिवार्य रूप से किसी आर्किटेक्ट की सेवाएं ली जाएं। यह भी ध्यान रखा जाए की भवन का बहारी स्वरूप प्राचीन रहे परन्तु आंतरिक रूप उसमें समस्त लैब, पुस्तकालय और अन्य सामग्री आधुनिक हो। विद्यार्थियों के फर्नीचर, खेल सामग्री, कला सामग्री, कम्प्यूटर लैब आदि में आधुनिकता की कोई कमी न हो। कलेक्टरों से कहा गया है कि जिस प्रकार स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का विकास किया गया है, उसी गुणवत्ता के साथ इन स्कूलों का उन्नयन भी किया जाए।

Ashish Sinha

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