छत्तीसगढ़राज्य

वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में स्थापित होगा 21 वीं सदी का सेवा-ग्राम : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नया रायपुर में बनने वाले सेवा ग्राम का किया निरीक्षण

वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में स्थापित होगा 21 वीं सदी का सेवा-ग्राम : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नया रायपुर में बनने वाले सेवा ग्राम का किया निरीक्षण
सेवा ग्राम के लिए 76.5 एकड़ की जमीन चिन्हांकित

सेवा ग्राम के लिए 76.5 एकड़ की जमीन चिन्हांकित
सेवा ग्राम के लिए 76.5 एकड़ की जमीन चिन्हांकित

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना के अनुरूप कार्यों को आगे बढ़ाएगी परियोजना सेवा ग्राम में बुजुर्गों के लिए ’दूसरा घर’ और वंचितों के लिए स्कूल भी किया जाएगा स्थापित

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)
वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में स्थापित होगा 21 वीं सदी का सेवा-ग्राम : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नया रायपुर में बनने वाले सेवा ग्राम का किया निरीक्षण
वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में स्थापित होगा 21 वीं सदी का सेवा-ग्राम : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नया रायपुर में बनने वाले सेवा ग्राम का किया निरीक्षण

रायपुर, 19 अक्टूबर 2021आजादी के 75वें वर्ष में आजादी की लड़ाई के मूल्यों, सिद्धांतों, आदर्शों तथा महात्मा गांधी की ग्राम-स्वराज की संकल्पना को अक्षुण्ण रखने के लिए नवा-रायपुर में भी वर्धा की तर्ज पर सेवा-ग्राम की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सचिन राव के साथ नया रायपुर में बनने वाले सेवा ग्राम के लिए चिन्हांकित स्थल का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया कि सेवा ग्राम के लिए नवा-रायपुर 76.5 एकड़ की जमीन चिन्हांकित की गई है। यह स्थान नया रायपुर के लेयर वन से लगा हुआ है। इस स्थल में लगभग पांच एकड़ क्षेत्र में दो नहर भी है। शेष 75 एकड़ भूमि में सेवा ग्राम बसाया जाएगा। सेवा ग्राम को इस ढंग से विकसित किया जाएगा कि वहां छत्तीसगढ़ की परंपरागत ग्रामीण भवन शैली की झलक दिखें। निर्माण कार्यों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध निर्माण सामग्री का उपयोग होगा। आश्रम के अंदर की सड़के भी ग्रामीण परिवेश के अनुरूप होंगी। सेवा ग्राम तक पूरा क्षेत्र हरियाली से भरपूर रहेगा। आश्रम का पूरा वातावरण आत्मिक शांति प्रदान करेगा। इस मौके पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, विधायक देवेन्द्र यादव, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, विशेष सचिव कृषि डॉ. एस. भारतीदासन, एनआरडीए के मुख्यकार्यपालन अधिकारी डॉ. फकीर भाई अय्याज तम्बोली, संचालक उद्योग अनिल टुटेजा, कलेक्टर रायपुर सौरभ कुमार भी उनके साथ थे।
सेवा ग्राम में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं आत्मनिर्भर-ग्राम की कल्पना को साकार करने के लिए सभी प्रकार के कारीगरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था का प्रावधान भी किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सेवा ग्राम की स्थापना के लिए 02 अक्टूबर 2021 से पहले इस संबंध में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।    गौरतलब है कि इस परियोजना के पीछे महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित सेवाग्राम है, जिसकी स्थापना वर्ष 1936 में महात्मा गांधी और उनकी सहधर्मिणी कस्तूरबा के निवास के रूप की गई थी, ताकि वहां से वे मध्य भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व कर सकें। वर्धा का यह संस्थान महात्मा गांधी के सपनों के अनुरूप ग्रामीण भारत के पुननिर्माण का केंद्र भी था। गांधीजी का मानना था कि भारत की स्थितियों में स्थायी रूप से सुधार के लिए ग्राम-सुधार ही एकमात्र विकल्प है।
अब 21वीं सदी में महात्मा गांधी के उन्हीं सपनों के अनुरूप ग्राम-सुधार के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए नवा-रायपुर में सेवा-ग्राम की स्थापना की जा रही है। इस सेवा-ग्राम का निर्माण मिट्टी, चूना, पत्थर जैसी प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करते हुए किया जाएगा। यह परियोजना गांधी-दर्शन को याद रखने और सीखने की प्रेरणा देगी। साथ ही स्वतंत्रता आंदोलन की यादों और राष्ट्रीय इतिहास को भी इसके माध्यम से जीवंत रखा जा सकेगा।
रायपुर में प्रस्तावित सेवाग्राम में गांधीवादी सिद्धांतों, ग्रामीण कला और शिल्प के केंद्र विकसित किए जाएंगे, जहां अतिथि विषय-विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। साथ ही वहां वृद्धाश्रम तथा वंचितों के लिए स्कूल भी स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य पर्यटन के अवसरों को बढ़ा देकर, छत्तीसगढ़ की लोक कलाओं को प्रोत्साहन देकर, बुजुर्गों को दूसरा-घर देकर और वैचारिक आदान-प्रदान के लिए छत्तीसगढ़ में एक विश्वस्तरीय व्यवस्था का निर्माण करके स्थानीय लोगों का सशक्तिकरण करना है। सेवा-ग्राम में प्रस्तावित विजिटर्स सेंटर सीखने, निर्वाह करने और गांधी के सिद्धांतों का स्मरण करने का केंद्र जगह होगा।
छत्तीसगढ़ अपनी विशिष्ट कला और शिल्प के लिए जाना जाता है। छत्तीसगढ़ के बस्तर, रायगढ़ और अन्य जिलों में बेल मेटल, लौह, टेराकोटा, पत्थर, कपड़े और बांस का उपयोग करके विभिन्न कलात्मक वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। सेवाग्राम एक ऐसा स्थान होगा जहां आगंतुक स्थानीय कला और शिल्प, स्थानीय व्यंजनों को बारे में जान सकेंगे। अपनी जानकारियों और अनुभवों को साझा कर सकेंगे। सेवा ग्राम में एक ओपन थियेटर भी होगा, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!