छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्यरायपुरसरगुजा

Ambikapur News : खारून नदी तट पर सघन वृक्षारोपण- डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर

खारून नदी तट की रक्षा वृक्षारोपण कर करें- डॉ.पुरुषोत्तम चन्द्राकर

खारून नदी तट पर सघन वृक्षारोपण- डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर

खारून नदी हमारी जीवनदायिनी है इसकी रक्षा हम वृक्षारोपण श्रृंगार कर करें- डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

P.S.YADAV/ब्यूरो चीफ/सरगुजा//  राजधानी रायपुर की जीवनदायिनी खारून नदी की दुर्दशा एवं गंदगी हम सबके लिए बहुत ही घातक है, खारुन नदी की साफ-सफाई एवं इनके तट पर सघन वृक्षारोपण करना हम सबकी जिम्मेदारी है उक्त बातें ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर के अध्यक्ष डॉ.पुरुषोत्तम चंद्राकर ने उपस्थित नदी संरक्षण में लगे पर्यावरण मित्रो से की।

ग्रीन आर्मी ऑफ रायपुर के सहयोग से खारून नदी सफाई तथा सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम में हरिद्वार के संत सद्गुरु डॉ. गंगादीन उदासीन व साध्वी सुशीला देवी के सानिध्य में ऑक्सीजन देने वाली पीपल, बरगद, नीम, अर्जुन जैसे बहुमूल्य वृक्षारोपण खारून नदी तट परसदा में किया गया जिसमें पर्यावरण मित्र डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर, दिनेश अठवानी, सुनील नायक, संतोष चंद्राकर, पद्मिनी वर्मा, पुनीता चंद्रा, सीमा सिंग, मनीषा शर्मा, दीपा परगनिहा, भारती शर्मा, चंदा यादव, के साथ अधिक संख्या में पर्यावरण मित्रों ने खारून नदी के तट पर सघन वृक्षारोपण किया।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर ने कहा कि नदी का महत्व वेद पुराणों में भी दिया गया है नदी अनादि काल से निरंतर बहती आ रही है इसका उपयोग हमारे ऋषि मुनि व समस्त समुदाय के द्वारा समय-समय पर किए हैं और हम करते आ रहे हैं नदी हमें बहुत कुछ देती है खेत खलिहान के लिए पानी उपलब्ध कराती है नदी से हमें रेत की प्राप्ति होती है फसल के लिए पानी की प्राप्ति होती है व अन्य उपयोग की वस्तुएं नदी अपने सांथ लाती है निश्चित ही आज नदी को संरक्षण की अति आवश्यकता है आज नदी का जिस रूप से मानव जीवन के द्वारा दोहन किया जा रहा है जिस वजह से पानी की किल्लत दिनों दिन बढ़ती जा रही है अगर नदी को संरक्षण किया जाता है तो निश्चित बहने वाले क्षेत्र का वाटर लेवल सामान्य रहेगाl

जिससे हमें पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा एवं सभी लोगों को प्रण लेना चाहिए कि पानी का उपयोग कम से कम कर हम पानी बचा सके। डॉक्टर चंद्राकर ने कहा कि नदी की नियमित साफ-सफाई एवं नदी के किनारे वृक्षारोपण कर नदी की संरक्षण किया जाना है नदी को पॉलिथीन से मुक्त रखना है पूजा सामग्री हवन पूजन के बाद पॉलिथीन में भरकर नदी में विसर्जित कर देते हैं इसे हमें रोकना होगा नदी में कई नालियों से उपयोग में लाए दूषित जल के साथ पॉलिथीन एवं गंदगी भी सीधे नदी में पहुंचती है जिससे नदी का जल दूषित होता है एवं जीव जंतु की मृत्यु हो जाती है।

Pradesh Khabar

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!