छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

छत्तीसगढ़ बना देश का ‘ऑक्सीजोन’, वन संरक्षण में कर रहा महत्वपूर्ण योगदान

छत्तीसगढ़ बना देश का ‘ऑक्सीजोन’, वन संरक्षण में कर रहा महत्वपूर्ण योगदान

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विश्व वानिकी दिवस पर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM

रायपुर, 21 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ अपनी हरित संपदा के कारण पूरे देश के लिए ‘ऑक्सीजोन’ बन चुका है और पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रदेश का 44 प्रतिशत क्षेत्रफल वनों से आच्छादित है, जो न केवल जैव विविधता को समृद्ध करता है, बल्कि यहां के वनवासी समुदायों की सांस्कृतिक और आर्थिक धरोहर का भी अभिन्न हिस्सा है।

विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर विधानसभा में आयोजित संगोष्ठी में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह बात कही। उन्होंने वन संरक्षण और संवर्धन पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ अपने वन क्षेत्रों के कारण पूरे देश को ऑक्सीजन प्रदान कर रहा है।

‘फॉरेस्ट्स एंड फूड्स’ थीम पर आधारित विश्व वानिकी दिवस
संगोष्ठी में मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष विश्व वानिकी दिवस की थीम ‘फॉरेस्ट्स एंड फूड्स’ रखी गई है, जो इस बात पर बल देती है कि वन केवल ऑक्सीजन का ही स्रोत नहीं, बल्कि पोषण, रोजगार और संस्कृति से भी जुड़े हुए हैं। इसी अवसर पर ‘वाइल्ड एडिबल प्लांट्स इन छत्तीसगढ़ स्टेट’ पुस्तक का विमोचन किया गया और पुदीना-मिंट फ्लेवर के बस्तर काजू प्रोडक्ट को लॉन्च किया गया।

उन्होंने बताया कि प्रदेश की 32 प्रतिशत आबादी जनजातीय समुदाय से संबंध रखती है, जो वनों से गहराई से जुड़े हुए हैं। सरकार वनाधिकार पट्टों का वितरण कर जनजातीय समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।

लघु वनोपज का बढ़ता महत्व
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के लघु वनोपजों पर चर्चा करते हुए कहा कि बस्तर की इमली, जशपुर का महुआ, चिरौंजी, हर्रा-बहेड़ा जैसे उत्पाद न केवल छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान हैं, बल्कि इनके मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) से आदिवासी परिवारों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि बस्तर का धूड़मारास अब विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थान बना चुका है। जलप्रपात, वनवासी संस्कृति और जैव विविधता के कारण छत्तीसगढ़ पर्यटन का केंद्र बन रहा है।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में चार करोड़ वृक्षों का रोपण
वन संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में अब तक चार करोड़ वृक्ष लगाए जा चुके हैं। इस पहल से पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों को वृक्षारोपण के प्रति जागरूक करने में भी सफलता मिली है।

इसके अलावा, ‘पीपल फॉर पीपल’ कार्यक्रम के अंतर्गत नवा रायपुर में हर चौराहे पर पीपल के वृक्ष लगाए गए हैं। वैज्ञानिक रूप से पीपल को सबसे अधिक ऑक्सीजन देने वाला वृक्ष माना जाता है, जिससे शहरी हरियाली को बढ़ावा मिलेगा।

वन क्षेत्र बढ़ाने पर जोर
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के वन विश्व के सबसे सुंदर वनों में गिने जाते हैं। साल और सागौन के वृक्ष यहां की प्राकृतिक शोभा बढ़ाते हैं और वन क्षेत्र में निरंतर वृद्धि हो रही है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जनजातीय समुदायों का जीवन पूरी तरह वनों पर आधारित है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से निपटने के लिए वन क्षेत्र का विस्तार करना अनिवार्य है।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है और वन संसाधनों के उचित उपयोग से विकास एवं संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास कर रही है।

वन संरक्षण से ही सतत विकास संभव
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विधायकगण धरमलाल कौशिक, धर्मजीत सिंह, योगेश्वर राजू सिन्हा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

इस संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ के वन संरक्षण प्रयासों की सराहना करते हुए सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सतत विकास के लिए वनों का संरक्षण बेहद जरूरी है। जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्याओं से निपटने के लिए हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और वृक्षारोपण को एक जन आंदोलन बनाना होगा।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!