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40 वर्षों में 40,000 शिशुओं का खुर्शिद मियां ने किया खतना

40 वर्षों में 40,000 शिशुओं का खुर्शिद मियां ने किया खतना

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प्रत्येक पुरुष जाति के लिए जरूरी है खतना -खुर्शीद मियां का दावा

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गोपाल सिंह विद्रोही,प्रदेश खबर प्रमुख छत्तीसगढ़,विश्रामपुर -प्रत्येक पुरुष जाति के लिए खतना कराना स्वास्थ्य के लिए संजीवनी है।उक्त बातें विश्रामपुर के लोकप्रिय सैलून संचालक खुर्शीद अली सलमानी ने कहीं ।पांच वक्त नवाजी खुर्शीद अली सलमानी ने पिछले 40 वर्षों से सैलून संचालन के साथ-साथ खतना का कार्य भी करते हैं ,उनकी लोकप्रियता का अलग यह है कि वे छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के साथ-साथ मध्य प्रदेश एवं झारखंड के विभिन्न हिस्सों में भी मुस्लिम समाज के लोग खतरना करवाने इन्हें आमंत्रित करते है। 60 वर्षीय खुर्शिद अली सलमानी बताते हैं कि खतना अक्सर मुस्लिम समाज के बच्चों के बीच किया जाता है ।।जो मूत्र द्वार के ऊपरी हिस्सा को हल्का सा विच्छेद किया जाता है ताकि वह मूत्र विसर्जन की परेशानियों से मुक्ति पा सके। मुस्लिम समाज में ऐसे तो सलमानी अर्थात नाई रूप में इन्हे जाना जाता है । खुर्शीद मियां बताते हैं कि हमने 40 वर्षों में 40,000 बच्चों का खतना का कार्य संपादित कर चूके है ,इन्होंने कहा कि खतना का कार्य करना हमारा पारंपरिक पैसा है हमने यह कार्य अपने वालिद अहमद अली सलमानी से सीखी है। इन्होंने बताया कि प्रति खतना 2000 रु से2500 रु लिया जाता है, जिन मुस्लिम समाज के परिवार में लड़का जन्म लेता है वे 6 दोनों का अंदर उसका सुन्नत का कार्य किया जाता है । खतना एक प्राचीन विद्या है जो मूत्र मार्ग के अंतिम छोर के ऊपरी हिस्से को साफ सफाई के लिए हल्की त्वाचा का विच्छेद किया जाता है जिसे खतना के रूप में जाना जाता है । खतना के पश्चात जन्म लिया बच्चा मुस्लिम हो जाता है ऐसी मान्यता है ।इन्होंने बताया कि प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश, झारखंड में भी उन्हें आमंत्रित किया जाता है। लोग प्रति खतना 2000 रू से 3000 रू स्वेक्षा से देते हैं इसके अतिरिक्त आने जाने का हमें किराया भी प्राप्त होता है । खुर्शिद अली आगे बताया कि वर्ष 1984 से यह कार्य हमारे द्वारा किया जा रहा है। खुर्शीद सलमानी ऐसे तो विश्रामपुर के प्रत्येक वर्ग में लोकप्रिय एवं लोगों के चहते हैं। मृदू भाषी मिलनसार एवं खुशमिजाज जनाब सलमानी विश्रामपुर के मुख्य बाजार में टिप टॉप नामक सैलून का संचालन भी करते हैं ।वे अपने पेशे से बहुत खुश एवं संतुष्ट है।।

Ashish Sinha

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