छत्तीसगढ़राज्यरायपुर

देश में तंबाकू नियंत्रण नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु रायपुर में आयोजित हुई क्षेत्रीय परामर्श कार्यशाला

10 राज्यों के प्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी हुए शामिल

रायपुर : देश में तंबाकू नियंत्रण नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु रायपुर में आयोजित हुई क्षेत्रीय परामर्श कार्यशाला

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)
mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

क्षेत्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन रायपुर में इंसटीट्îुट ऑफ पब्लिक हेल्थ बैंगलुरु, इंडियन अलायंस, द यूनियन, पं0 जवाहर लाल नेहरु चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर एवं इंडियन एसोशिएशन ऑफ प्रिवेन्टींग एण्ड सोशल मेडिसीन रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य देश में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम और तंबाकू नियंत्रण नीतियों के क्रियान्वयन को समझने और देश के विभिन्न जनसांख्यिकीय क्षेत्रों में तंबाकू नियंत्रण नीतियों के क्रियान्वयन में विभिन्न चुनौतियों को समझना एवं आगामी रणनीति तैयार किया जाना है।
कार्यशाला सत्र का शुभारंभ श्री नीरज बंसोड, संचालक स्वास्थ्य सेवाएॅ छत्तीसगढ़़ एवं डॉ0 तृप्ति नागरिया अधिष्ठाता पं. जेएनएम मेडिकल कॉलेज रायपुर ने किया और तंबाकू नियंत्रण नीतियों में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गई। साथ ही तंबाकू नियंत्रण की दिशा में आने वाली चुनौतियों के संबंध में चिंता व्यक्त की गई। अधिष्ठाता चिकित्सा महाविद्यालय ने महिलाओं द्वारा तंबाकू उपयोग किये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुये महिलाओं को तंबाकू से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से अवगत कराया। डॉ0 तृप्ति नागरीया, अधिष्ठाता पं0 जवाहरलाल स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय ने बताया कि आने वाली पीढ़ी को तंबाकू के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए महिलाओं के द्वारा तंबाकू उपयोग को रोकने हेतु विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
डॉ. प्रगति हेब्बार सहायक निदेशक, आईपीएच, बेंगलुरू ने बताया कि आईपीएच द्वारा इस परामर्श कार्यशाला का आयोजन अनुष्ठाना परियोजना के अंतर्गत किया गया है। यह कार्यशाला इस बात पर केंद्रित है कि देश भर में तंबाकू नियंत्रण नीतियों को कैसे लागू किया जा रहा है और इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है। द यूनियन के वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार डॉ0 अमित यादव द्वारा तंबाकू नियंत्रण हेतु कोटपा एक्ट 2003 के प्रवधानों के साथ-साथ अवगत कराया कि देश में कई प्रभावी नीतियॉ जैसे – खाद्य सुरक्षा अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम आदि हैं जिनके उचित क्रियान्वयन से तंबाकू नियंत्रण की दिशा में बेहतर प्रयास किये जा सकते हैं, जिनसे तम्बाकू उपयोग से नई पीढी को जुड़ने से रोका जा सकता है।
कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से उपस्थित प्रतिनिधियों द्वारा अपने – अपने राज्य के अनुभव एवं किये जा रहे कार्यों को साझा किया। जिसके तहत छत्तीसगढ़ के तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी द्वारा राज्य में तंबाकू नियंत्रण हेतु शैक्षणिक संस्थाओं में तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थाओं के दिशा निर्देशों का क्रियान्वयन करने एवं अंर्तविभागीय समन्वय स्थापित करने हेतु किये जा रहे प्रयासोेें को साझा किया गया। बिहार के प्रतिनिधि द्वारा प्रवर्तन व अंर्तविभागीय समन्वय स्थापित करते हुये तंबाकू मूक्त राज्य घोषित किये जाने के अपने अनुभवों को साझा किया। उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल द्वारा तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों के क्रय-विक्रय को नियंत्रित करने हेतु वंेडर लायसेंसिंग की प्रक्रिया को लागु किया गया है। गुजरात राज्य के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य में धुम्रपान मुक्त औद्योगिक क्षेत्र, तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान, तंबाकू मुक्त ग्राम पंचायत हेतु विशेष ग्रमा सभा के आयोजन जैसी रणनीतियों के माध्यम से तंबाकू नियंत्रण हेतु प्रयास किये जा रहे है। धुम्रपान मुक्त घोषित हो चूके राज्य हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया की आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रचार-प्रसार व समुदाय में तंबाकू से जोखिम के आंकलन की रणनीति द्वारा तंबाकू उपयोग पर नियंत्रण करने का प्रयास किया गया। इसी प्रकार ऑनलाईन माध्यम से इस कार्यशाला में उपस्थित पंजाब एवं आसाम के प्रतिनिधियों ने अपने – अपने अनुभव एवं रणनीतियों को साझा किया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों द्वारा समूह चर्चा के माध्यम से समुदाय को तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों के उपयोग एवं उपभोग के लिए हतोत्साहित करने एवं इसके हानिकारक प्रभावों से बचाने हेतु विभिन्न विभागों जैसे पुलिस, शिक्षा, नगरीय निकाय, स्वास्थ्य, सामाजिक संस्थाओं, मीडिया, उच्च शिक्षा आदि की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। प्रतिनिधियों के द्वारा साझा किये गए अनुभवों के अनुसार तम्बाकू के उपयोग को नियंत्रित करने हेतु प्रवर्तन कार्य को गति प्रदान किया जाना, तंबाकू नियंत्रण के विषय से संबंधित कानूनों एवं दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाना एवं सभी विभागों सहित सामाजिक संगठनांे के मध्य उचित समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाना आवश्यक है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f
WhatsApp Image 2025-08-03 at 9.25.33 PM (1)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!