
सतत विकास लक्ष्य की निगरानी को लेकर संभाग स्तरीय बैठक 7 मार्च को, सभी विभागों की उपस्थिति अनिवार्य !
सतत विकास लक्ष्य की निगरानी को लेकर संभाग स्तरीय बैठक 7 मार्च को, सभी विभागों की उपस्थिति अनिवार्य
बस्तर में डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क पर होगी महत्वपूर्ण बैठक
नीति आयोग के निर्देश पर जिला स्तर पर सतत विकास लक्ष्य की होगी समीक्षा
जगदलपुर, 27 फरवरी 2025: सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की जिला स्तर पर प्रभावी निगरानी और क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए नीति आयोग द्वारा तैयार किए गए डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF) के संबंध में एक संभाग स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी। यह महत्वपूर्ण बैठक 7 मार्च 2025 को प्रातः 10.30 बजे जगदलपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि महाविद्यालय परिसर, कुम्हारावंड के ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित होगी।
संभागीय आयुक्त डोमन सिंह द्वारा इस बैठक में सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह बैठक सतत विकास लक्ष्यों की जिला स्तर पर निगरानी और विभिन्न विभागों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित की जा रही है।
बैठक का उद्देश्य और महत्त्व
संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को स्थानीय स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने के लिए नीति आयोग ने डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF) विकसित किया है। इस फ्रेमवर्क का उद्देश्य प्रत्येक जिले में विकास संकेतकों की निगरानी कर यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ आमजन तक सही तरीके से पहुंचे।
बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, कृषि, जल संसाधन, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, ऊर्जा, पर्यावरण और अन्य प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित विभागीय अधिकारियों को बुलाया गया है। सभी विभागों को अपने-अपने क्षेत्र में सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
संभागीय आयुक्त डोमन सिंह ने कहा,
“नीति आयोग द्वारा विकसित यह फ्रेमवर्क प्रत्येक जिले की प्रगति को आंकने का एक वैज्ञानिक और सटीक तरीका है। हमें इसे गंभीरता से लागू कर अपने जिले को विकास के पथ पर आगे बढ़ाना है।”
डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF) क्या है?
नीति आयोग द्वारा तैयार किया गया डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF) सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिए एक मानकीकृत प्रणाली है। इसके तहत हर जिले को प्रदर्शन आधारित ग्रेडिंग दी जाएगी, जिससे पता चलेगा कि कौन-से जिले ने किन क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
इस प्रणाली के तहत सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय और प्रशासनिक चार प्रमुख क्षेत्रों में विकास की प्रगति को मापा जाता है। इसमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित संकेतकों का मूल्यांकन किया जाएगा—
गरीबी उन्मूलन: जिले में गरीबी कम करने के लिए लागू योजनाओं की प्रगति।
भूखमरी समाप्ति: कुपोषण और खाद्य सुरक्षा से संबंधित प्रयासों की समीक्षा।
स्वास्थ्य और कल्याण: स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, टीकाकरण और मृत्यु दर के आंकड़े।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: शिक्षा का स्तर, स्कूल ड्रॉपआउट दर और डिजिटल शिक्षा।
लैंगिक समानता: महिलाओं की भागीदारी और सुरक्षा के लिए किए गए उपाय।
साफ जल और स्वच्छता: जल गुणवत्ता, जल आपूर्ति और स्वच्छता योजनाओं की स्थिति।
सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा: अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की स्थिति।
अवसंरचना और औद्योगिक विकास: सड़क, बिजली, इंटरनेट कनेक्टिविटी और उद्योग।
पर्यावरण संरक्षण: प्रदूषण नियंत्रण, वन संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के लिए उठाए गए कदम।
शासन प्रणाली: प्रशासनिक पारदर्शिता, शिकायत निवारण और कानून-व्यवस्था की स्थिति।
यह फ्रेमवर्क जिलों की प्रगति का एक पारदर्शी मूल्यांकन प्रस्तुत करेगा और कमजोर क्षेत्रों को सुधारने के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश देगा।
संभागीय आयुक्त के निर्देश और प्रशासनिक तैयारियां
संभागीय आयुक्त डोमन सिंह ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे अपने संबंधित विभागों के साथ 7 मार्च की बैठक के लिए पूरी तैयारी करें।
प्रत्येक जिला प्रशासन को निम्नलिखित बिंदुओं पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी—
विभागवार विकास लक्ष्यों की प्रगति रिपोर्ट।
विभिन्न योजनाओं के ज़रिए जिले में आए सकारात्मक बदलाव।
जिन क्षेत्रों में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ, उनके कारण और समाधान।
संभावित नीतियां और आगामी कार्य योजनाएं।
इस बैठक के दौरान जिला स्तर पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रभाव, बजट उपयोगिता, लाभार्थियों की संतुष्टि और जमीनी हकीकत पर भी विस्तृत चर्चा की जाएगी।
बैठक में शामिल होने वाले प्रमुख अधिकारी और विभाग
इस महत्वपूर्ण बैठक में संभागीय आयुक्त डोमन सिंह के अलावा बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) जिला पंचायत, जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO), महिला एवं बाल विकास विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, श्रम विभाग, नगरीय प्रशासन, जल संसाधन विभाग सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
इसके अतिरिक्त, नीति आयोग और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हो सकते हैं।
संभागीय प्रशासन की अपेक्षाएं
प्रशासन को उम्मीद है कि इस बैठक के बाद—
हर जिले के सतत विकास लक्ष्य की मौजूदा स्थिति स्पष्ट होगी।
कमजोर बिंदुओं की पहचान कर उन्हें सुधारने की रणनीति बनाई जाएगी।
अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुखी योजनाओं का निर्माण किया जाएगा।
प्रशासनिक कार्यों में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
संभागीय आयुक्त डोमन सिंह ने स्पष्ट किया कि यह बैठक केवल समीक्षा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसमें ठोस कार्ययोजनाएं बनाकर उनके क्रियान्वयन के लिए समयसीमा भी तय की जाएगी।
7 मार्च 2025 को जगदलपुर में आयोजित होने वाली यह संभाग स्तरीय बैठक बस्तर संभाग के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। नीति आयोग के दिशानिर्देशों के तहत डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क की समीक्षा से यह स्पष्ट होगा कि किन जिलों में सतत विकास लक्ष्यों को लेकर क्या प्रगति हुई और किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
इस बैठक से बस्तर संभाग को एक ठोस विकास रोडमैप मिलने की उम्मीद है, जिससे आने वाले वर्षों में यहां के जिलों का सामाजिक और आर्थिक विकास अधिक प्रभावी और स्थायी रूप से हो सकेगा।