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सुंदरबन में मुश्किल हालात से जूझ रहीं बाघ हमले में पति को खोने वाली महिलाएं
सुंदरबन में मुश्किल हालात से जूझ रहीं बाघ हमले में पति को खोने वाली महिलाएं
सुंदरबन, 30 अक्टूबर/ विश्वजीत मिस्री अपने दोनों बेटों की बेरोजगारी और पैसा खत्म होने से परेशान होकर गर्मी की एक सुबह शहद की तलाश में अपने घर से घने जंगल की ओर निकल पड़े ताकि उसे बेचकर थोड़ा बहुत पैसा कमाया जा सके, लेकिन वह वापस नहीं लौटे। दो दिन बाद उनका शव बरामद हुआ, जिसपर बाघ के हमले के निशान साफतौर पर दिखाई दे रहे थे।.
मिस्त्री की मौत के एक साल से अधिक समय के बाद आज भी उनकी पत्नी लक्ष्मी उन परिस्थितियों के बारे में सोचकर शोक में डूबी हैं, जिन्होंने उनके 68 वर्षीय पति को मौत के मुंह में धकेल दिया।.












