कोरबाछत्तीसगढ़

कटघोरा: 276 पहिये.. 400 टन से ज्यादा वजनी मशीन.. करीब 3 हजार किलोमीटर की सफर कर

कटघोरा: 276 पहिये.. 400 टन से ज्यादा वजनी मशीन.. करीब 3 हजार किलोमीटर की सफर कर

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*गुजरात से व्हाया मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ उत्तर प्रदेश के बनारस जा रहा मशीनरी.*

_*ढेलवाडीह बायपास का मुख्य पुल कमजोर. वाहन गुजारने बनाया गया है अस्थाई रपटा.*_

*कटघोरा:* उत्तर प्रदेश के बनारस जिले के लिए निकला एक भारीभरकम ट्रक आम लोगो के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है. लिफ्टर ट्रेलर में लदी यह मशीन (स्टार्टर) करीब 400 टन से ज्यादा वजनी है जबकि इसकी लंबाई 200 फ़ीट से ज्यादा बताई जा रही है. यह मशीन गुजरात राज्य के अहमदाबाद से रवाना होकर सोनभद्र जिले के ओबरा जा रही है. ओबरा में स्थित पावर प्लांट के द्वारा यह मशीन मंगाई गई है. इस पूरे मशीनरी की ढुलाई का जिम्मा देश की सबसे बड़ी परिवहन कम्पनियों में से एक एनटीसी यानी नामक्कल ट्रांसपोर्ट कैरियर के द्वारा किया जा रहा है. जिस लिफ्टर पर इस मशीन को रखा गया है उनमें हाइड्रोलिक प्रणाली के 276 पहिये लगे हुए है. इन्ही की मदद से मशीन को खींचा जा रहा है. इस वाहन की अधिकतम गति 20 किलोमीटर प्रतिघंटा है. एनटीसी कम्पनी को उम्मीद है कि वे अप्रैल-मई में मशीन की सुपुर्दगी कम्पनी को कर देंगे. फिलहाल उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती कटघोरा और अम्बिकापुर राजमार्ग में मौजूद छोटे पुल-पुलिया है. पुलिस ने भी कम्पनी से सभी औपचारिकताए पूरी करा ली है.

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कम्पनी के प्रबंधक ने बताया कि 3 हजार किलोमीटर का सफर करके यह वाहन छत्तीसगढ़ में दाखिल हुआ है. वे बीते एक महीने से कोरबा जिले मे ही है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और जिला प्रशासन के विशेष अनुमति के बाद पर कटघोरा-ढेलवाडीह बायपास पुल पर वाहन को गुजारने के लिए पुल का निर्माण किया गया है. इसी अस्थाई पुल की मदद से वाहन पार कराया जाएगा. फिलहाल एनटीसी के 30 स्टाफ इस काम को अंजाम देने में जुटे हुए है. आज यानी मंगलवार को इस टास्क के लिए चुना गया था. इसके लिए सुतर्रा बायपास पर खड़े लिफ्टर और मशीन को ढेलवाडीह लाया गया था लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से यह काम रोक दिया गया. चूंकि बायपास का पुल पहले ही कमजोर स्थिति में है लिहाजा प्रशासन ने उन्हें मुख्य पुल से गुजरने की इजाजत नही दी थी. इसके बाद कम्पनी ने वाहन को गुजारने मिट्टी का एक बड़ा रपटा तैयार कराया है. अम्बिकापुर पहुंचने पर इस मशीन को दो हिस्सों में अलग किया जायेगा जिससे इसकी ढुलाई करने में आसानी होगी. आज सुबह इस मशीन को देखने सैकड़ो की भीड़ पुल के पास पहुंची हुई थी.

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Haresh pradhan

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