ब्रेकिंग न्यूज़स्वास्थ्य

इस्पात संयंत्रों ने 4076 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की

इस्पात संयंत्रों ने 4076 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की

देशभर से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इस्पात कंपनियों ने देश में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। बीते कल इन इस्पात संयंत्रों ने 3680.30 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) का उत्पादन किया और 4076.65 मीट्रिक टन एलएमओ की आपूर्ति की। इसकी तुलना में, 25 अप्रैल, 2021 को विभिन्न राज्यों को 3131.84 मीट्रिक टन एलएमओ की आपूर्ति की गई थी। वहीं, अप्रैल के मध्य में प्रतिदिन औसतन 1500-1700 मीट्रिक टन एलएमओ भेजा जा रहा था।

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

बीते हफ्ते इस्पात और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इस्पात कंपनियों के प्रमुखों के साथ कई बैठकें की थीं। उन्होंने इस्पात संयंत्रों से मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश करने का आह्वाहन किया। इसके अलावा मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन-युक्त बिस्तरों के साथ बड़े आकार की कोविड-देखभाल सुविधाओं का निर्माण करने के लिए भी कहा।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

सबसे बड़े घरेलू इस्पात उत्पादकों में से एक स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड देश में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ा रही है। भिलाई (छत्तीसगढ़), राउरकेला (ओडिशा), बोकारो (झारखंड), दुर्गापुर एवं बर्नपुर (पश्चिम बंगाल) स्थित अपने एकीकृत इस्पात संयंत्रों से एलएमओ का दैनिक वितरण अप्रैल के दूसरे हफ्ते में लगभग 500 मीट्रिक टन के स्तर से बढ़कर वर्तमान में 1100 मीट्रिक टन से अधिक है। यह कंपनी अब तक 50,000 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ की आपूर्ति कर चुकी है। अप्रैल, 2021 में सेल ने 15 राज्यों को 17,500 मीट्रिक टन एलएमओ का वितरण की है। इन राज्यों में वे राज्य भी हैं, जहां इसके संयंत्र स्थित हैं।

बीते कल तक बोकारो, राउरकेला और दुर्गापुर स्थित सेल संयंत्रों से देश के विभिन्न हिस्सों के लिए 950 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ ले जाने वाली 14 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों को लोड किया जा चुका है। सेल संयंत्रों को टैंकर भी प्राप्त हुए हैं, जिन्हें एयरलिफ्ट किया गया और लोडिंग के बाद सड़क एवं रेलमार्ग द्वारा उन्हें उनके गंतव्य स्थलों तक भेजा गया। रेलवे, वायु सेना, इस्पात संयंत्र और ऑक्सीजन संयंत्र टैंकरों के परिवहन के लिए किए जा रहे प्रयासों का समन्वय कर रहे हैं। आज 4 क्रायोजेनिक टैंकरों को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से भारतीय वायु सेना द्वारा एयरलिफ्ट किया गया।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!