
अधिवक्ता सुनील सिंह ने बाबा साहब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर कहा— न्याय और संवैधानिक अधिकारों के प्रकाश स्तंभ
बलरामपुर के अधिवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने दलित व शोषित समाज को शिक्षा, आत्मसम्मान और संवैधानिक अधिकारों की शक्ति दी। उनके विचार आज भी न्याय, समरसता और समानता का मार्ग दिखाते हैं।
अधिवक्ता सुनील सिंह ने कहा— बाबा साहब अंबेडकर ने वंचित समाज को संवैधानिक शक्ति और न्याय का मार्ग दिखाया
बलरामपुर। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर बलरामपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील सिंह ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. अंबेडकर ने दलित, वंचित एवं शोषित समाज में शिक्षा, आत्मसम्मान और संवैधानिक अधिकारों की ज्योति प्रज्वलित की।
अधिवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि बाबा साहब केवल एक सामाजिक सुधारक नहीं, बल्कि भारत के विधिक ढांचे के आधारस्तंभ थे। उन्होंने ऐसे अधिकारों को संविधान में स्थान दिलाया, जो आज भारत के हर नागरिक को न्याय प्राप्त करने का रास्ता दिखाते हैं।
उन्होंने कहा—
“बाबा साहब के आदर्श भारत में न्याय, एकता और सामाजिक समरसता की राह को प्रकाशमान करते हैं। उनके विचार आज भी बहुजन समाज के साथ-साथ पूरे न्यायिक समुदाय के लिए प्रेरणा हैं।”
अधिवक्ता सुनील सिंह ने यह भी कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन इस बात का प्रमाण है कि कानून और संविधान सामाजिक परिवर्तन के सबसे प्रभावी साधन हैं।
उन्होंने कहा कि दलितों, महिलाओं, श्रमिकों और वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए बाबा साहब ने जीवन समर्पित कर दिया, और उनके योगदान को जितना भी याद किया जाए, कम है।









