
घोषणापत्र के अनुरूप वादे को पूरा करने के बजाए, अनियमित कर्मचारियों की आवाज को कुचलना चाहती है सरकार, कांग्रेस शोषित छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी एक आदेश हिटलरशाही, तो दूसरा मौलिक अधिकारों का हनन:- भाजपा महामंत्री इरफान अंसारी
*रामानुजगंज* (मनोज यादव):- छत्तीसगढ़ शासन द्वारा हाल में जारी दो अलग अलग आदेश जारी किया गया है जिसे भाजपा महामंत्री रामानुजगंज इरफान अंसारी ने एक आदेश को हिटलरशाही नीति से ओतप्रोत तो दूसरे आदेश को मौलिक अधिकार का हनन किया जाना बताया
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी कर प्रदेश के सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के लगभग साढ़े चार वर्ष बाद भी इन्हें नियमित नहीं किया गया, अपने घोषणापत्र में किए गए वादे को पूरा करने के बजाए धमकी भरी आदेश जारी किया जा रहा है, ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ शासन के पत्र क्र. एफ1-31/2023/सत्रह/एक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रस्ताव क्रमांक 191 के माध्यम से जानकारी प्रदाय की गई कि छत्तीसगढ़ शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वार 09.02.2023 को जारी आदेश अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना में रिक्त पदों में कलेक्टर दर पर नियुक्त किये जाने वाले अनियमित कर्मचारियों से नियमितीकरण की मांग तथा सेवा समाप्त न किये जाने हेतु मांग न करने एवं धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की शपथ-पत्र माँगा गया है, मण्डल महामंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि इस प्रकार का सपथ पत्र मांगा जाना प्रदेश के पढ़े-लिखे नौजवानों के मौलिक अधिकारों का हनन एव इस प्रकार के बिंदु सेवा शर्तों में जोड़ा जाना निरंकुश प्रशासन का द्योतक है। वही आंदोलनरत सहायिकाओं को अल्टीमेटम देते हुए उन्हें नौकरी से निकाले जाने की बात भी हिटलरशाही नीति से ओतप्रोत है, जिसमें अनियमित कर्मचारी धरना-प्रदर्शन में जाते है तो उनके स्थान पर दूसरा नियुक्त किये जाने तथा उन्हें नौकरी से निकाले जाने का निर्देश है, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है, इरफान अंसारी ने आगे कहा कि सरकार अपने घोषणापत्र में किए गए वादे के अनुरूप अनियमित कर्मचारियों को नियमित न करके विभिन्न प्रकार की आदेश निर्देशों के माध्यम से प्रदेश के लाखों अनियमित कर्मचारियों के आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है…!