
नशा का आदी व्यक्ति समाज परिवार से कट जाता है – डा आरएस सिंह
नशा का आदी व्यक्ति समाज परिवार से कट जाता है – डा आरएस सिंह
विश्व नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे हुआ आयोजन
गोपाल सिंह विद्रोही विश्रामपुर – विश्रामपुर मे विश्व नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर एस सिंह, विशेष अतिथि के रूप में संदीप पटेल आईपीएस थाना प्रभारी विश्रामपुर एवं खंड चिकित्सा अधिकारी सूरजपुर डॉ प्रशांत सिंह उपस्थित रहे । उक्त कार्यक्रम में डॉ प्रशांत सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य में 5 नशा मुक्ति केंद्र संचालित किया जा रहा है जिसमें सरगुजा संभाग का नशा मुक्ति केंद्र विश्रामपुर में संचालित है। उक्त केंद्र में कोरिया ,जशपुर, बलरामपुर, अंबिकापुर और सूरजपुर जिला के नक्शा के गिरफ्त में आए लोग मुख्यधारा से जोड़ने हेतु अपना आवश्यक उपचार एवं सलाह निशुल्क प्राप्त कर रहे हैं ।इस अवसर पर उपस्थित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर एस सिंह द्वारा बताया गया कि नशा से ना केवल व्यक्ति को शारीरिक मानसिक आर्थिक नुकसान होता है बल्कि सामाजिक तौर पर वे समाज से भी कट जाते हैं। जिसके कारण लोग डिप्रेशन एवं अन्य मानसिक अवसाद से ग्रसित हो जाते हैं ।डॉक्टर आर0एस0सिंह ने नशा मुक्ति दिवस पर सभी नशा लेने वाले व्यक्तियों को कसम दिलाई गई कि आज से से नशा का सेवन नही करेंगे। इस अवसर पर उपस्थित संदीप पटेल (आईपीएस) थाना प्रभारी विश्रामपुर द्वारा बताया गया कि नशा के सामाजिक दुष्प्रभाव के तहत लोग महंगी दवा के सेवन हेतु सामाजिक कृतियों में लिप्त हो जाते हैं जिसके कारण शहर एवं जिले का अपराधिक ग्राफ बढ़ जाता है उन्होंने वहां उपस्थित नशा करने वाले लोगों को प्रेरित और प्रोत्साहित किया कि नशा से दूरी बनाए एवं नशा के व्यापार करने वाले लोगों की सूचना पुलिस विभाग तक दे जिससे विश्रामपुर ही नहीं वरन पूरे जिले को नशा मुक्त क्षेत्र बनाए जा सके । कार्यक्रम नशा से मुक्त हो चुके नशा छोड़ चुके लोगों ने भी अपने अनुभव को भी साझा किया उक्त कार्यक्रम में खंड कार्यक्रम प्रबंधक सुरेश वर्मा, एम एल टी मनोज लहरे ,एन जी ओ के प्रभारी अजय सिंह, विश्रामपुर ओएसटी के समस्त स्टाफ दिनेश कुमार ,सरोज सिस्टर, एवं नशा सेवन करने वाले करने वाले बहुत एवं उपचार ले रहे हितग्राही आदि उपस्थित थे