
महात्मा हंसराज जी की 159 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई बच्चों ने हंसराज जी के जीवन पर प्रकाश डाला
गोपाल सिंह विद्रोही/विश्रामपुर -डीएवी पब्लिक स्कूल विश्रामपुर में महात्मा हंसराज जयंती धूमधाम से मनाई गई।
आज डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल विश्रामपुर में आज महात्मा हंसराज जी की 159 जयंती पूर्ण श्रद्धाभाव से मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों ने महात्मा हंसराज जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महात्मा जी का जन्म 19 अप्रैल 1864 को होशियारपुर जिला, पंजाब के बलवाड़ा नामक स्थान पर हुआ था। उनका बचपन अभाव में व्यतीत हुआ था। वे बचपन से ही कुशाग्रबुद्धि के धनी थे। 12 आयु में उनके पिता का देहांत हो गया था। बाद में उनका परिवार लाहौर चला गया था। लाहौर में स्वामी दयानंद सारवती जी के सत्संग से वे बहुत प्रभावित हुए और समाज सेवा को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया था। वे सच्चे राष्ट्र उन्होंने शिक्षा के उन्नयन एवं प्रचार प्रसार में महान योगदान दिया था। इस अवसर पर सामूहिक वैदिक पान ‘आयोजन किया गया जिसमे विद्यालय प्राचार्य, अध्यापक-अध्यापिकाएँ और विद्यार्थीगण पूरे मनोयोग से शामिल हुए।
विद्यालय प्राचार्य एच. के. पाठक एवं अध्यापकः अध्यापिकाओं के द्वारा महात्मा हंसराज जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर श्रद्धाभाव से उनकी प्रतिमा पर पुष्पार्पण के साथ आयोजन का शुभारंभ किया । विद्यालय प्राचार्य पाठक ने समस्त विद्यालय परिवार को महात्मा हंसराज जयंती की हार्दिक बधाई दी और उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि महात्मा हंसराज जी का संपूर्ण जीवन त्याग और सेवा भाव से परिपूर्ण रहा। में दयानंद एंग्लो वैदिक स्कू लाहौर के अवैतनिक प्रधानाध्यापक रहे और बाद में दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज के आजीवन अवैतनिक प्राचार्य में सेवा देते रहे। वैदिक संस्कृति के उन्नयन समाज सेवा एवं शिक्षा के प्रचार- प्रसार में उनका महान योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने समस्त विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा ग्रहण कर समाजसेवा के कार्य में अग्रणी रहने के लिये रूप प्रेरित किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं एस. ई. सी. एल. विश्रामपुर क्षेत्र के माध डॉ. अमित सक्सेना जी ने समस्त विद्यालय परिवार को महात्मा हंसराज जयंती की हार्दिक मंगलकामनाएँ दी
विद्यालय की हिंदी अध्यापिका श्रीमती नाहरगोती पटेल ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में कहा कि महात्मा हंसराज जी का त्याग और तपस्यमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने शुद्धि आंदोलन, शिक्षा, समाजसेवा आदि कई क्षेत्री में निस्वार्थ भाव से काम किया। कक्षा नवमी के विद्यार्थी राघवेन्द्र सिंह, अक्षिता पाठक एवं एरिना रुखसार ने अपने वक्तव्य में महात्मा हंसराज जी के महान व प्रेरक जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए उन्हें सेवाभावी व पथ प्रदर्शक बताया। आयोजन को सफल बनाने में समस्त विद्यालय परिवार का सराहनीय योगदान रहा। सामूहिक शांति पाठ के साथ आयोजन का सफल समापन हुआ।