
चन्द्रप्रकाश महन्त/ मैनपाट/अंबिकापुर. जंगल में हाथी अपने दल के साथ विचरण करते हैं, अपने रास्ते में आने वाले घर, फसल को नुकसान पहुंचाने के साथ ही व्यक्तियों की जान भी ले लेते हैं। लेकिन मैनपाट (Mainpat) के कंडराजा निवासी एक व्यक्ति के घोड़े से हाथियों की बेमिसाल दोस्ती हो गई थी।
घोड़ा पिछले 6 महीने से हाथियों के दल के साथ ही विचरण कर रहा था। ऐसे में हाथी भी उक्त बस्ती में नहीं घुस रहे थे। इसी बीच दल से बिछड़े दंतैल हाथी ने शुक्रवार की रात घोड़े को पटक कर मार डाला। इसे लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा हो रही है।
मैनपाट के कंडराजा निवासी त्रिलोकी यादव के घोड़े की दोस्ती उस क्षेत्र में विचरण करने वाले 9 हाथियों के दल से हो गई थी। घोड़ा पिछले 6 महीने से हाथियों के साथ ही जंगल में घूमता रहता था।
हाथियों का दल उसे नुकसान नहीं पहुंचाता था। घोड़े और हाथी की बेमिसाल दोस्ती की चर्चा भी पूरे क्षेत्र में थी। बताया जा रहा है कि घोड़े के कारण कंडराजा बस्ती में हाथी नहीं घुसते थे। इसी बीच शुक्रवार की रात ग्राम बरिमा प्लांटेशन के भरेली सरना जंगल में दल से बिछड़े एक दंतैल हाथी से घोड़े का सामना हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हाथी और घोड़े के बीच करीब 15 मिनट तक संघर्ष चलता रहा। इसी बीच हाथी ने सूंड से उठाकर घोड़े को जमीन पर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
वन विभाग ने बनाया मुआवजा प्रकरण
घोड़े को हाथियों द्वारा मार डालने की सूचना मिलने पर घोड़ा मालिक मौके पर पहुंचा और इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन अमला वहां पहुंचा और मुआवजा प्रकरण तैयार किया।
गौरतलब है कि 2 दिन पूर्व ही 9 हाथियों के दल ने ग्राम बरिमा में 3 घर तोड़ दिए थे। हाथियों का उक्त दल कभी रायगढ़ क्षेत्र में तो कभी मैनपाट क्षेत्र के जंगल में विचरण करता था।