
अंबिकापुर: इंस्टाग्राम पर दोस्ती के बाद युवती से दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
अंबिकापुर: इंस्टाग्राम पर दोस्ती के बाद युवती से दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
सरगुजा पुलिस की त्वरित कार्रवाई, आरोपी अनुराग लहरे को न्यायालय में पेश किया गया
अंबिकापुर, सरगुजा। सोशल मीडिया पर दोस्ती के बाद दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का एक गंभीर मामला सामने आया है। सरगुजा जिले के मणिपुर थाना क्षेत्र में एक युवती के साथ जबरन दुष्कर्म करने और अश्लील वीडियो वायरल करने का आरोपी अनुराग लहरे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
सोशल मीडिया से हुई पहचान, विश्वासघात में बदली दोस्ती
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता की आरोपी अनुराग लहरे से पहचान इंस्टाग्राम के माध्यम से हुई थी। बातचीत के दौरान आरोपी ने खुद को बेंगलुरु निवासी बताया था। सोशल मीडिया पर दोनों के बीच धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और फिर फोन पर संपर्क होने लगा। इसी दौरान आरोपी ने पीड़िता का विश्वास जीतकर उसे मिलने के लिए बुलाया।
घटना 7 दिसंबर 2024 की है, जब आरोपी अनुराग लहरे ने पीड़िता को फोन कर जरूरी काम का हवाला देकर अंबिकापुर के बस स्टैंड बुलाया। पीड़िता जब वहां पहुंची, तो आरोपी उसे बस स्टैंड के एक होटल में ले गया, जहां उसने जबरन दुष्कर्म किया।
अश्लील वीडियो बनाकर किया ब्लैकमेल
दुष्कर्म के दौरान आरोपी ने पीड़िता की अश्लील तस्वीरें और वीडियो भी बना लिए। बाद में उसने इन तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल पीड़िता को धमकाने और ब्लैकमेल करने के लिए किया। आरोपी ने पीड़िता को धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो वह इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा।
पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर पुलिस में दर्ज कराई शिकायत
इस घटना से मानसिक रूप से प्रताड़ित पीड़िता काफी समय तक चुप रही, लेकिन बाद में उसने हिम्मत जुटाकर 6 फरवरी 2025 को थाना मणिपुर पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 43/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 64(1) के तहत मामला दर्ज किया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, आरोपी गिरफ्तार
पीड़िता की शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की। पुलिस टीम ने आरोपी का पता लगाने के लिए लगातार प्रयास किए और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना नाम अनुराग कुमार लहरे, पिता हीरालाल लहरे, उम्र 24 वर्ष, निवासी विद्याडीह टांगर, थाना मस्तूरी, जिला बिलासपुर बताया।
पूछताछ में आरोपी ने अपराध स्वीकार कर लिया और बताया कि उसने घटना के दौरान उपयोग किया गया मोबाइल फोन तोड़कर नष्ट कर दिया। पुलिस ने सबूतों के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका
इस मामले को सुलझाने में मणिपुर थाना प्रभारी उपनिरीक्षक अखिलेश सिंह और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस पूरी कार्रवाई में उपनिरीक्षक संपत पोटाई, प्रधान आरक्षक सतीश सिंह, आरक्षक अनिल सिंह, साइबर टीम के प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह और आरक्षक नितिन सिन्हा की सक्रिय भूमिका रही।
सोशल मीडिया के दुष्परिणाम और सतर्कता की जरूरत
यह मामला सोशल मीडिया के अंधेरे पक्ष को उजागर करता है। आजकल सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती होना आम बात है, लेकिन बिना सत्यापन के किसी अजनबी पर भरोसा करना भारी पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर किसी अजनबी से बातचीत करते समय सतर्कता बरतनी चाहिए। खासकर जब कोई व्यक्ति खुद को किसी बड़े शहर का निवासी बताकर जान-पहचान बनाने की कोशिश करे, तो सावधानी रखना आवश्यक हो जाता है।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चुनौतियां
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए पुलिस को साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देना होगा।
सरगुजा जिले में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अपराधी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में पुलिस को साइबर क्राइम सेल को मजबूत करने और डिजिटल जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
कानूनी पहलू और कड़ी सजा की मांग
इस मामले में आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 64(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह धारा महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए कड़े प्रावधान करती है।
पीड़िता और उसके परिवार ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह के अपराध करने की हिम्मत न करे।
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि सोशल मीडिया के माध्यम से बनाए गए रिश्तों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से पीड़िता को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, लेकिन इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए समाज को भी जागरूक होना होगा।
सरगुजा पुलिस की यह कार्रवाई महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, लेकिन साइबर अपराधों और सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए व्यापक रणनीति अपनाने की जरूरत है।












