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आजीविका विकास एवं कृषि आय में बढ़ोतरी के लिए मिलकर काम करेंगे

रायपुर : ​​​​​​​आजीविका विकास एवं कृषि आय में बढ़ोतरी के लिए मिलकर काम करेंगे

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कृषि विश्वविद्यालय एवं आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन

कृषि विश्वविद्यालय एवं आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन के मध्य अनुबंध सम्पन्न

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रायपुर, 24 जून, 2022 छत्तीसगढ़ में किसानों एवं ग्रामीणों के लिए आजीविका विकास, नवीन कृषि प्रौद्योगिकी का स्थानान्तरण, कृषि आय में बढ़ोतरी तथा फसलों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन द्वारा आय के स्थायी साधन विकसित करने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं आई.सी.आई.सी.आई फाऊंडेशन, मुम्बई मिल-जुलकर कार्य करेंगे।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विस्तार सेवा निदेशालय में आज यहां आयोजित अनुबंध समारोह में इस आशय के समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. पी.के. चन्द्राकर एवं आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन के ओर से मुख्य परिचालन अधिकारी श्री अनुज अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये। अनुबंध समारोह के मुख्य अतिथि कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एम.पी. ठाकुर थे। समझौते के तहत प्रदेश रायपुर, दुर्ग, कोरबा और जशपुर जिले के किसानों एवं ग्रामीणों के लिए आजीविका एवं आयवर्धक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा, जिनमें किसानों को नवीन कृषि प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण, फसलों का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, मूल्य श्रंृखला का निर्माण तथा उत्पादों के विपणन की सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है। इन गतिविधियों के संचालन में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का तकनीकी मार्गदर्शन होगा तथा वित्तीय प्रबंधन आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन द्वारा किया जाएगा।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय एवं आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन के सम्पन्न अनुबंध के तहत चयनित चार जिलों में कृषि, उद्यानिकी फसलों के प्रसंस्करण के साथ ही डेयरी, मशरूम, लाख, कोसा पालन आदि उद्यमों के द्वारा कृषि आय में वृद्धि, फसलों की पोषकता एवं पोषण मूल्य में बढ़ोतरी तथा बाड़ी आधारित गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में मशरूम उत्पादन, बटेर पालन, कड़कनाथ पालन, लाख पालन के साथ-साथ इन जिलों में नैसर्गिक रूप से बहुतायत में उगने वाली फसलों जैसे सीताफल, तेंदु, कटहल, नाशपाती, मुनगा, बरहासाल धान आदि फसलों का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन कर किसानों आय में इजाफा किया जाएगा। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों द्वारा कृषक उत्पादक संगठन तथा महिला स्व-सहायता समूहों को आवश्यक तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन द्वारा इन गतिविधियों के संचालन के वित्तीय सहयोग एवं विपणन व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। अनुबंध समारोह के अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया जिसमें चयनित जिलों के कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुख वैज्ञानिक, लाभार्थी किसान, महिला समूह की सदस्य, निदेशाला विस्तार सेवाएं की वैज्ञानिक एवं आई.सी.आई.सी.आई. फाऊंडेशन के अधिकारी उपस्थित थे।

Ashish Sinha

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