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गर्मी में जलसंकट से बचाव: धमतरी प्रशासन ने कसी कमर

गर्मी में जलसंकट से बचाव: धमतरी प्रशासन ने कसी कमर

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समय रहते शुरू होंगे आवश्यक कदम, पंचायत फंड से होगी बोरवेल पंपों की मरम्मत

धमतरी, 18 मार्च 2025 – गर्मी के मौसम में संभावित जलसंकट से निपटने के लिए धमतरी जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में कलेक्टर अभिनाश मिश्रा ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जलस्त्रोतों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को पहले से ही जल संकटग्रस्त इलाकों की पहचान कर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को पेयजल की कमी का सामना न करना पड़े।

बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, सिंचाई विभाग और तीनों अनुभागों के एसडीएम सहित संबंधित अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान प्रशासन ने यह स्पष्ट किया कि जल संकट से निपटने के लिए कार्ययोजना पहले ही तैयार कर ली गई है और उसे तत्काल अमल में लाया जाएगा।

जलसंकटग्रस्त क्षेत्रों की पहचान और समाधान
धमतरी जिले में ऐसे कई स्थान हैं, जहां गर्मी के दिनों में जलस्तर काफी नीचे चला जाता है, जिससे पानी की आपूर्ति बाधित होती है। प्रशासन ने इन क्षेत्रों की पहचान कर प्राथमिकता के आधार पर जल संकट से निपटने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया है।

कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे स्थानों पर जहां पानी की कमी की आशंका है, वहां पहले से ही वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। इसके तहत जरूरत के अनुसार अधिक गहराई वाले नलकूप खोदने और राइजर पाइप बढ़ाने के कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा, पंचायतों में संचालित पेयजल योजनाओं के अंतर्गत लगे बोरवेल पंपों की मरम्मत पंचायत फंड से भी कराई जाएगी।

राइजर पाइप और खराब हैंडपंपों की मरम्मत
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिले में गर्मी के दौरान जलस्तर नीचे जाने वाले नलकूपों की पहले ही पहचान कर ली गई है। इनमें राइजर पाइप बढ़ाने का काम शुरू किया जा चुका है, ताकि जलापूर्ति बनी रहे। इसके अलावा, जिले में खराब पड़े हैंडपंपों को चिन्हित कर उनकी मरम्मत का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है।

अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि जिले में नलकूपों में राइजर पाइप बढ़ाने के लिए पर्याप्त संख्या में पाइप और स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध हैं, जिससे कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।

नए बोरवेल खुदाई की कार्ययोजना तैयार
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि जल संकटग्रस्त इलाकों में आवश्यकता अनुसार नए बोरवेल खुदाई का काम भी किया जाएगा। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।

नगरपालिका और पंचायत क्षेत्रों में जल आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जल संकट अधिक देखने को मिलता है, वहां नए बोरवेल खुदाई और जल संरक्षण उपायों पर जोर दिया जा रहा है।

13 ग्राम पंचायतों में टैंकर से पहुंचेगा पानी
नगरी क्षेत्र के 13 ग्राम पंचायतों को जल संकटग्रस्त क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। यहां पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए टैंकर के माध्यम से जल पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह, कुरूद क्षेत्र में 10 और मगरलोड क्षेत्र में 2 ग्राम पंचायतों में पानी की समस्या की पहचान की गई है।

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धमतरी क्षेत्र के 11 ग्राम पंचायतों में भी पानी की समस्या देखी गई है, जिसके समाधान के लिए प्रशासन ने पहले से ही इंतजाम कर लिए हैं। इसके अलावा, नगर निगम क्षेत्र में भी जल संकट को देखते हुए आवश्यक कार्य किए जा रहे हैं।

प्रशासन की जल संकट से निपटने की रणनीति
जल संकटग्रस्त क्षेत्रों की पहचान: पहले से ही उन क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है, जहां गर्मी में जलस्तर नीचे जाने की संभावना है।
राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य: जलस्तर गिरने वाले नलकूपों में पाइप बढ़ाकर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
बोरवेल पंपों की मरम्मत: पंचायत फंड से खराब बोरवेल पंपों की मरम्मत कराई जाएगी, ताकि जल आपूर्ति सुचारू रूप से चलती रहे।
नए बोरवेल की खुदाई: आवश्यकतानुसार नए बोरवेल खुदाई की कार्ययोजना तैयार की गई है।
टैंकर से जल आपूर्ति: जल संकटग्रस्त ग्राम पंचायतों में टैंकर से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
हैंडपंपों की मरम्मत: खराब पड़े हैंडपंपों की पहचान कर उन्हें दुरुस्त करने का कार्य शुरू किया गया है।
नगर निगम क्षेत्र में जल आपूर्ति के विशेष इंतजाम: शहरी इलाकों में भी गर्मी के दौरान जल संकट न हो, इसके लिए पहले से कार्य शुरू कर दिए गए हैं।
जनसहयोग से होगा जल संरक्षण संभव
प्रशासन ने लोगों से भी जल संरक्षण में सहयोग करने की अपील की है। जल संकट से निपटने के लिए केवल सरकारी प्रयास ही पर्याप्त नहीं होते, बल्कि सामुदायिक सहभागिता भी आवश्यक होती है। प्रशासन ने आम नागरिकों से जल के अपव्यय को रोकने, जल संचयन के उपाय अपनाने और वर्षा जल संचित करने की अपील की है।

जल संकट से निपटने के लिए जल स्रोतों का संरक्षण और उनकी देखरेख भी जरूरी है। पंचायत स्तर पर जल संरक्षण समितियों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू की गई है, ताकि स्थानीय स्तर पर जल संकट से निपटने के लिए प्रभावी उपाय किए जा सकें।

जल संकट से बचाव के लिए दीर्घकालिक योजनाएं
हालांकि, प्रशासन गर्मी के दौरान जल संकट से निपटने के लिए तत्काल उपाय कर रहा है, लेकिन साथ ही दीर्घकालिक योजनाओं पर भी काम किया जा रहा है। इनमें वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना, नदियों और जलाशयों का पुनरुद्धार, जल संरक्षण परियोजनाओं को बढ़ावा देना, और भूजल पुनर्भरण उपायों को लागू करना शामिल है।

धमतरी जिला प्रशासन जल संकट से निपटने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। कलेक्टर अभिनाश मिश्रा ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे जल संकट से निपटने के लिए अपने स्तर पर आवश्यक तैयारी पूरी कर लें और किसी भी परिस्थिति में जिलेवासियों को पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े।

गर्मी के दौरान जल संकट एक गंभीर समस्या बन सकती है, लेकिन धमतरी प्रशासन ने इस चुनौती से निपटने के लिए पहले से ही रणनीति बना ली है। पंचायत फंड से बोरवेल पंपों की मरम्मत से लेकर नए बोरवेल खुदाई और टैंकर से जल आपूर्ति तक, प्रशासन सभी संभावित उपायों पर काम कर रहा है।

जल संकट से बचाव के लिए सामुदायिक सहयोग भी उतना ही महत्वपूर्ण है। लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक होना होगा और पानी के अपव्यय को रोकना होगा। प्रशासन और आम जनता के संयुक्त प्रयासों से ही जल संकट की समस्या का स्थायी समाधान संभव होगा।

Ashish Sinha

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