
घाटशिला उपचुनाव 2025: BJP को पूर्वी सिंहभूम में बड़ा झटका, 5 कद्दावर नेता JMM में शामिल; सोरेन Vs सोरेन
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव से पहले झारखंड की राजनीति में भूचाल। पूर्वी सिंहभूम के जिला उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा और पूर्व जिला अध्यक्ष सौरभ चक्रवर्ती समेत 5 बीजेपी नेताओं ने झामुमो की सदस्यता ली। जानें प्रत्याशी चयन पर नाराजगी और आदिवासी-पिछड़ा वोट बैंक पर प्रभाव।
घाटशिला उपचुनाव से पहले झारखंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर: बीजेपी के 5 कद्दावर नेता झामुमो में शामिल
रांची/पूर्वी सिंहभूम। आगामी घाटशिला विधानसभा उपचुनाव 2025 से पहले झारखंड की राजनीति में गुरुवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पूर्वी सिंहभूम जिले में जोरदार झटका लगा। जिले के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और प्रभावशाली नेताओं ने बीजेपी का साथ छोड़ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सदस्यता ग्रहण कर ली।
झामुमो के लिए मनोबल बढ़ाने वाला कदम: इन नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कांके रोड स्थित आवासीय कार्यालय पहुंचकर झामुमो का दामन थामा। इस दौरान झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल सारंगी और जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू उपस्थित रहे। झामुमो ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी आधिकारिक पुष्टि की है।
बीजेपी के अंदर ‘डायरेक्ट स्ट्राइक’: राजनीतिक गलियारों में इस घटना को झामुमो के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी के अंदर घुसकर पांच मजबूत नेताओं को तोड़कर ‘डायरेक्ट स्ट्राइक’ किया है। इन नेताओं का प्रभाव पूर्वी सिंहभूम क्षेत्र में मजबूत है और इनकी स्थानीय एवं जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ है।
दल बदलने वाले प्रमुख नेता: झामुमो की सदस्यता ग्रहण करने वालों में प्रमुख रूप से पूर्वी सिंहभूम जिला परिषद के उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष (ग्रामीण) सह प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सौरभ चक्रवर्ती, घाटशिला बीजेपी मंडल अध्यक्ष कौशिक सिन्हा, मुसाबनी के पूर्व मंडल अध्यक्ष तुषार पात्रों, और जिला परिषद सदस्य खगेन महतो शामिल हैं।
बीजेपी में बगावत की वजह: अंदरूनी चर्चाओं के मुताबिक, बीजेपी में यह बगावत प्रत्याशी चयन में कार्यकर्ताओं की रायसुमारी न किए जाने और पार्टी के अंदर प्रत्याशी चयन को लेकर रही नाराजगी का परिणाम है। ये नेता घाटशिला में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के रणनीतिकार रहे थे।
उपचुनाव पर असर: घाटशिला उपचुनाव, जो झामुमो और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है, में इस घटना का बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। घाटशिला में आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के वोटर्स निर्णायक भूमिका में हैं, और इन नेताओं का झामुमो में जाना बीजेपी के बड़े वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है। बीजेपी ने तत्काल पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पांचों नेताओं को निष्कासित करने का प्रेस नोट जारी कर डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है।
(घाटशिला उपचुनाव में प्रमुख उम्मीदवार: बीजेपी से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन और झामुमो से दिवंगत शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के बेटे सोमेश चंद्र सोरेन)।












