
पंचायत प्रशासन में क्रांति: सरपंचों के लिए नवाचार और डिजिटल जागरूकता अभियान
नवनिर्वाचित सरपंचों का अभिमुखीकरण एवं प्रशिक्षण: पंचायत सशक्तिकरण की नई दिशा
सूरजपुर, 18 मार्च 2025 – जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमलेश नन्दनी साहू के मार्गदर्शन एवं उपसंचालक पंचायत ऋषभ सिंह चंदेल के निर्देशन में जिला पंचायत संसाधन केन्द्र सूरजपुर में नवनिर्वाचित सरपंचों का अभिमुखीकरण एवं परिचयात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण 17 से 30 मार्च 2025 तक जिलेभर में संचालित किया जाना है, जिसका उद्देश्य नवचयनित सरपंचों को पंचायत प्रशासन की बारीकियों से अवगत कराना और उन्हें उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों की व्यापक जानकारी प्रदान करना है।
ग्राम पंचायतें लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव होती हैं, और सरपंच इस व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। एक सक्षम एवं जागरूक सरपंच न केवल ग्राम विकास को गति प्रदान करता है, बल्कि शासन की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर स्थानीय जनता को लाभान्वित भी करता है। इसी उद्देश्य से सूरजपुर जिले में इस अभिमुखीकरण एवं प्रशिक्षण सत्र की शुरुआत की गई, जिसमें नवनिर्वाचित सरपंचों को उनके अधिकारों, जिम्मेदारियों और कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई।
पहले दिन का प्रशिक्षण सूरजपुर जिले के नवनिर्वाचित सरपंचों के लिए आयोजित किया गया, जिसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी प्रदान की गई—
सरपंचों के अधिकार एवं कर्तव्य – निर्वाचित सरपंचों को बताया गया कि ग्राम पंचायत अधिनियम के अंतर्गत उनकी क्या जिम्मेदारियां हैं और वे पंचायत विकास की योजनाओं को कैसे प्रभावी रूप से क्रियान्वित कर सकते हैं।
पंचायत योजनाओं की सामान्य जानकारी – पंचायतों में संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA), प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, कृषि एवं ग्रामीण विकास योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।
ई-ग्राम पोर्टल का परिचय एवं उपयोग – सरपंचों की बुनियादी जानकारी को ई-ग्राम पोर्टल पर अद्यतन करने की प्रक्रिया को समझाया गया। इस पोर्टल का उपयोग ग्राम पंचायतों की पारदर्शिता एवं सुचारू संचालन में किया जाता है।
जेम (GEM) पोर्टल पर पंजीकरण – जेम पोर्टल पर पंचायत से संबंधित सामग्रियों की खरीददारी के लिए पंजीयन की प्रक्रिया बताई गई। इसके लिए शासकीय ई-मेल आईडी आवश्यक होती है, जिसके निर्माण की जानकारी दी गई।
बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और डीएसी निर्माण – सभी नवनिर्वाचित सरपंचों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया गया, ताकि उनका डिजिटल हस्ताक्षर (डीएसी) तैयार किया जा सके। इससे पंचायत के वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता बनी रहेगी।
ऑनलाइन भुगतान प्रणाली – डिजिटल भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरपंचों को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और बैंकिंग प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई। इससे ग्रामीण विकास के कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सकेगा।
इस प्रशिक्षण सत्र का संचालन संकाय सदस्य निरोज सिंह के द्वारा किया गया। उन्होंने सरपंचों को पंचायत कार्यप्रणाली के व्यावहारिक पक्षों की जानकारी दी और उन्हें वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से प्रशिक्षित किया। इस कार्यक्रम में पंचायत विभाग के विभिन्न अधिकारी एवं प्रशिक्षक उपस्थित रहे, जिनमें रामकृपाल दुबे, हिरण कुजूर, और आकाश कुमार गुप्ता शामिल थे।
प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सरपंचों ने इसे अत्यंत लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें पंचायत संचालन की बारीकियों को समझने का अवसर मिला, जिससे वे अपने गांव के विकास को बेहतर ढंग से दिशा दे सकेंगे।
रामनगर पंचायत के नवनिर्वाचित सरपंच ने कहा, “हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जो जानकारी मिली है, वह हमारे लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। खासकर डिजिटल प्रक्रियाओं की समझ से हमें ग्राम पंचायत की योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी।”
इसी प्रकार, ग्राम बड़खोरी की सरपंच ने कहा, “पहले हमें प्रशासनिक प्रक्रियाओं की जानकारी नहीं थी, लेकिन इस प्रशिक्षण से हमें ग्राम पंचायत संचालन से संबंधित सभी जरूरी विषयों पर मार्गदर्शन मिला।”
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पंचायत सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सरपंचों को पारंपरिक शासन व्यवस्था से आधुनिक तकनीकों और डिजिटल प्लेटफॉर्म की ओर ले जाना, शासन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से न केवल ग्राम पंचायतों को सशक्त किया जा रहा है, बल्कि उन्हें स्वायत्त एवं सुचारू रूप से कार्य करने के लिए सक्षम भी बनाया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए जिला प्रशासन भविष्य में और अधिक विस्तृत प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने की योजना बना रहा है। इसमें पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा, जिससे पंचायत संचालन और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बन सके।
नवनिर्वाचित सरपंचों के लिए यह प्रशिक्षण न केवल उन्हें प्रशासनिक कार्यप्रणाली से अवगत कराने का माध्यम बना, बल्कि यह उन्हें डिजिटल और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित हुआ। पंचायत सशक्तिकरण की इस पहल से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी, बल्कि स्थानीय प्रशासन में भी पारदर्शिता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।