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कोरोना से लड़ाई में रेकी हीलर निभा रहा अहम भूमिका, जानिए क्या कहते हैं देश के सबसे युवा रेकी हीलर आयुष गुप्ता

दुबई में रह रहे क्रिस्टोफ़र को जून 2020 में पता चला की उनकी पत्नी की के माता पिता यानि क्रिस्टोफ़र के सास ससुर कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। क्रिस्टोफ़र के सास ससुर मुंबई के मीरा रोड इलाके में रहतें हैं और दोनों की उम्र 55 वर्ष से ज़्यादा है, लाज़मी सी बात है कि कोरोना उनके लिए ज़्यादा घातक था। जब क्रिस्टोफ़र को यह खबर मिली तब वे दुबई में थे, फ्लाइट्स बंद होने के कारण वे मुंबई नहीं आ सकते थे, क्योंकि वे रेकी के बारे में पहले से जानते थे तो उन्होंने गूगल पर रेकी हीलर्स को ढूंढ़ना शुरू किया और गूगल ने क्रिस्टोफ़र को आयुष गुप्ता से मिलवाया जो की भारत के सब से युवा रेकी हीले हैं।
हम ने क्रिस्टोफ़र से बात की, उन्होंने बताया कि जिस वक़्त हमें ये खबर मिली और जब हमारी बात आयुष से हुई, इसके बीच का समय शायद हमारी ज़िंदगी का सब से मायूसी भरा समय था। उन्होंने बताया कि मेरी सास का ऑक्सीजन लेवल 90% से निचे चला गया था और डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत वेंटीलेटर पर रखने को कहा उस वक़्त हम पूरी तरह टूट गए थे मेरी पत्नी रो रहीं थी और मैं कुछ नहीं कर पा रहा था, मेने तुरंत आयुष को फ़ोन किया, आयुष ने कहा कि मेरे सास ससुर की एनर्जीज काफ़ी सकारात्मक हैं और उन्हें ठीक किया जा सकता है और इस बात चित के करीब 24 घंटे बाद मेरी सास का ऑक्सीजन लेवल 90% से ऊपर आ गया, मेरे ससुरा की तबियत मेरी सास से बेहतर थी तो उन्हें वेंटीलेटर की ज़रूरत नहीं पड़ी और आज वे दोनों पूरी तरह कोरोना से रिकवर हो चुके हैं। मैं आयुष को जितना भी सुक्रिया कहुँ कम होगा।
इस बारे में और जान्ने के लिए हमने आयुष गुप्ता से बात की उन्होंने हमें बताया कि रेकी इंसान कि एनर्जी के साथ मिल कर काम करती है और ये एनर्जीज़ भी दो तरह की होतीं हैं सकारात्मक और नकारात्मक। रेकी की मदद से हम सकारात्मक एनर्जी को शरीर में बढ़ाने की कोशिश करतें हैं जिस से इंसान की बीमारियों से लड़ने की इच्छा शक्ति बढ़ जाती है और आसान शब्दों में कहा जाए तो सकारात्मक एनर्जी शरीर में बढ़ने से इंसानी शरीर खुद-ब-खुद ठीक होने लगता है। इसके काई करीके हैं पर उन तरीकों के बारे में कुछ मिनटों में समझा पाना मुश्किल है।
इस मुश्किल समय में आयुष रेकी से कई लोगों की मुफ़्त में मदद कर रहें हैं, वो कहतें हैं कि पैसा कमाया जा सकता है इंसान नहीं। आयुष ने एक गूगल फॉर्म बनाया है जहाँ आप आपकी परेशानी के बारे में बता सकतें हैं और कुछ घंटों बाद आयुष या उनकी टीम में से कोई आपसे सम्पर्क करेंगे।

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गूगल फॉर्म यहां से भरें

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Haresh pradhan

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