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भाजयुमो कोरबा जिला कार्यकारिणी की घोषणा के बाद ही उपेक्षित कार्यकर्ताओं में अंतर्कलह

कोरबा (प्रदेश ख़बर) :- बीते 07 जून को भाजयुमो कोरबा जिला कार्यकारिणी की घोषणा के बाद ही उपेक्षित कार्यकर्ताओं में अंतर्कलह देखने को मिल रही है तथा आरोप है कि गठित कार्यकारिणी में एक ही गुट को एकतरफा तजव्वो देते हुए संघर्षरत योग्य कार्यकर्त्ताओ को दरकिनार कर चाटुकारिता करने वाले ऐसे लोगो को प्राथमिकता दी गई जो भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य भी नही है और कुछ लोग 35 वर्ष के ऊपर आयु के है। जिसका दर्द उपेक्षित कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से बयां किया है।इस नवगठित कार्यकारणी में जिला प्रशिक्षण प्रमुख बनाये गए पवन राठौर ने व्हाट्सप्प के कई ग्रुप में अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा है कि जिन जिन को भाजयुमो कोरबा टीम में जगह नही मिली है वो झुनझुना बजाने का प्रशिक्षण उनसे प्राप्त कर सकते है। पवन राठौर छात्रजीवन से विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता रहें है एवं नगर से लेकर प्रदेश तक के दायित्व का निर्वहन किया है। भाजयुमो की पिछली कार्यकारणी में भी वो जिला पदाधिकारी रहें है। वही दूसरी ओर भाजयुमो बांकीमोंगरा के पूर्व मण्डल अध्यक्ष रामकुमार यादव ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए बांकीमोगरा से किसी को भी जिला पदाधिकारी नही बनाये जाने पर कड़ी आलोचना की है। पूर्व विधायक प्रतिनिधि आलोक पांडेय ने लिखा कि संगठन में अब काजू बादाम खिलाने वाले, फ्लेक्स की राजनीति करने वालो को स्थान दिया जा रहा है इसी के कारण आज पार्टी की हार हुई है। इसी तरह पूर्व कार्यकारिणी सदस्य एवं पाली निवासी विक्की अग्रवाल जिसे संगठन में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है उन्होंने भी कहा है कि संगठन के पुराने एवं जिम्मेदारी का समानता रूप से निर्वाह करने वाले कार्यकर्ताओं को औपचारिक पद देकर और चमचागिरी करने वालों को खास तजव्वो दिया गया। इस प्रकार अनेक कार्यकर्त्ताओ ने अपनी नाराजगी मिडिया के सामने व्यक्त की है। क्षुब्ध कार्यकर्ताओं का कहना है कि आपराधिक एवं असामाजिक लोगो को कार्यकारणी में स्थान देते हुए कार्यकारणी में किसी भी प्रकार से वरिष्ठता का ध्यान नहीं रखा गया। भाजपा की रीति-नीति के अनुसार एक व्यक्ति केवल एक ही पद पर रह सकता है इस नियम की भी खुल कर धज्जियां उड़ाई गयी है, कई पार्षदों को कार्यकारणी में प्रमुख पद दिया गया है जो समझ से विपरीत है। भाजयुमो की नवगठित सूची में सिर्फ और सिर्फ एक ही गुट और उसमें भी सबसे अधिक कोरबा विधानसभा से पदाधिकारीयो को शामिल किया गया है, जिले में 33 पदाधिकारियों की घोषणा की गई है जिसमे से 21 पदाधिकारी कोरबा विधानसभा में निवासरत हैं। इस तरह 2023 के चुनाव पूर्व खुल कर गुटबाजी सामने आने लगी है। रूष्ट कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसे संगठन के बड़े पदाधिकारियों द्वारा समय रहते सुलझाले नहीं तो चुनाव में इसका दुष्प्रभाव सामने आएगा।

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