
प्रधानमंत्री आवास योजना बनी ग्रामीण महिलाओं की आजीविका का आधार, रायगढ़ में स्वरोजगार की नई मिसाल
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में महिला समूहों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सेंटरिंग सामग्री किराए पर देकर स्वरोजगार की मिसाल कायम की है। जानें कैसे यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना बनी ग्रामीण महिला समूहों की आजीविका का आधार
📍 रायपुर/रायगढ़, 04 जून 2025 | रिपोर्ट: प्रदेश खबर
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अब महज़ पक्के घरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता का माध्यम बन चुकी है। रायगढ़ जिले के पुसौर विकासखंड के बड़े हल्दी और मिड़मिड़ा गांव की महिलाओं ने इस योजना को स्वरोजगार का स्थायी जरिया बना लिया है।
यहां की सुधा महिला ग्राम संगठन और चंद्रहासिनी महिला संकुल संगठन की महिलाएं अब सेंटरिंग सामग्री किराए पर उपलब्ध करवा रही हैं। यह सामग्री पीएम आवास योजना के तहत बन रहे घरों के निर्माण में प्रयोग होती है। इस पहल से उन्हें नियमित आय होने लगी है और उनके जीवन में आर्थिक स्थिरता आई है।
📌 कैसे हुआ संभव:
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शुरुआत: वर्ष 2019 में 10 महिला समूहों के साथ
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अब: 18 समूह सक्रिय, 200 महिलाएं जुड़ीं
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₹4.20 लाख का लोन लेकर खरीदी गई सेंटरिंग सामग्री
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किराए पर देकर निर्माण स्थलों में हो रही आय प्राप्ति
“हमें अब रोज़गार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता। प्रधानमंत्री आवास योजना और बिहान से मिली मदद ने हमारी ज़िंदगी बदल दी।” – संगठन की सदस्य
इस पहल ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि योजनाओं को सही मार्गदर्शन और संगठन शक्ति के साथ जोड़ा जाए तो वे समाज की बुनियाद में व्यापक परिवर्तन ला सकती हैं।