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माँ महामाया प्रवेश द्वार के पुनः लोकार्पण की को लेकर महापौर डॉ अजय तिर्की ने घोर आपत्ति व्यक्त किया।

माँ महामाया प्रवेश द्वार के पुनः लोकार्पण की को लेकर महापौर डॉ अजय तिर्की ने घोर आपत्ति व्यक्त किया।

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अंबिकापुर: लोकार्पित हो चुके माँ महामाया प्रवेश द्वार के 15 जनवरी को पुनः लोकार्पण की प्रशासनिक तैयारियों पर निवर्तमान महापौर डॉ अजय तिर्की ने घोर आपत्ति व्यक्त किया है। डॉ तिर्की के साथ ही निगम अम्बिकापुर के सभी पूर्व पार्षदों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर यह कहा है कि 7 जनवरी को माँ महामाया प्रवेश द्वार का लोकार्पण पूरे विधी विधान से पूजा अर्चना कर सम्पन्न हो चुका है। 7 जनवरी के लोकार्पण को लेकर निगम में निर्वाचित बॉडी में पूर्ण सहमति थी। भाजपा के विधायक और सांसद की अनुपलब्धता के कारण लोकार्पण की तिथी को 2 बार टालने के उपरांत निवर्तमान महापौर ने उनसे चर्चा के उपरांत 7 जनवरी की तिथि लोकार्पण हेतु तय किया था। लोकार्पण की सम्पूर्ण कार्यवाही निगम कमिश्नर के संज्ञान में था। लेकिन 7 जनवरी को लोकार्पण के दिन विधायक और संसद के साथ सभी आमंत्रित भजपाई और उनके इशारे पर पूरा प्रशासनिक अमला गायब हो गया।
ऐसा प्रतीत हुआ कि राजनीति को प्रमुखता देते हुए एक सुनियोजित तरीके से भाजपा ने माँ महामाया प्रवेश द्वार के लोकार्पण का बहिष्कार कर माँ महामाया के प्रति अम्बिकापुर शहर के लोगों की आस्था को ठेस पहुँचाया है।

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गौरतलब है कि 22 मार्च 2023 को डॉ अजय तिर्की के नेतृत्व में निगम में निर्वाचित कांग्रेस की बॉडी ने माँ महामाया प्रवेश द्वार के लिए प्रस्ताव पारित कर बजट के लिये प्रदेश सरकार को भेजा था। पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव के प्रयास से तत्कालीन कांग्रेस की सरकार ने इसके लिए 49.3 लाख रुपये की स्वीकृति दी थी। 27 सितंबर 2023 को पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने प्रवेश द्वार का शिलान्यास किया था। इसी निर्वाचित बॉडी ने पक्ष विपक्ष में तारतम्य स्थापित करते हुए 7 जनवरी को माँ महामाया प्रवेश द्वार के लोकार्पण किया जिसके लिए सहमति देने के बावजूद भाजपाइयों ने कार्यक्रम का अघोषित बहिष्कार किया।

निवर्तमान महापौर अजय तिर्की ने पुनः लोकार्पण को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि प्रवेश द्वार का निर्माण आम जनता के मतदान से बहुमत एवं अनुमति प्राप्त कर कांग्रेस द्वारा प्रशासित निगम की बॉडी ने किया है। लोकार्पण का निर्णय भी इसी बॉडी के द्वारा कर कर लोकार्पण के कार्य को पूर्ण किया गया। लोकार्पित प्रवेश द्वार के पुनः लोकार्पण का निर्णय जनता द्वारा निर्वाचित बॉडी और उसके निर्णय को अपमानित करना है।

इस मामले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा राजनीति के लिए विधि विधान से लोकार्पित प्रवेश द्वार का पुनः लोकार्पण कर रही है। माँ महामाया प्रवेश द्वार के लिए अपने शून्य योगदान को छुपाने के लिए वे पुनः लोकार्पण का खेल कर रहे हैं। इसीलिए पुनः लोकार्पण के लिये तैयार कार्ड पर निवर्तमान महापौर का नाम तक नहीं है। पुनः लोकार्पण की तैयारी और 7 जनवरी के लोकार्पण का बहिष्कार यह बतलाता है कि भाजपा के लिये माँ महामाया के प्रति आस्था से अधिक महत्वपूर्ण राजनीति है।

Ashish Sinha

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