
सख्ती से रोका गया बाल विवाह: प्रशासन की तत्परता से बचाई गई नाबालिगों की जिंदगी
रात के 12 बजे रोका गया बाल विवाह, बारात को लौटना पड़ा खाली हाथ
बाल विवाह रोकने में जिला प्रशासन की सख्ती
बाल विवाह रोकथाम के तहत जिला प्रशासन ने दो दिन में चार बाल विवाह रोके। सखी वन स्टॉप सेंटर में दो बालिकाओं को सुरक्षित लाया गया।
24 फरवरी 2025 को सूरजपुर जिले में कलेक्टर एस. जयवर्धन और जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के निर्देश पर एक संयुक्त टीम ने कठोर कार्रवाई की। रात 9 बजे सूचना मिली कि भटगांव थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की का विवाह हो रहा है और उसी मंडप में उसकी छोटी बहन, जो कक्षा 8वीं में पढ़ती है, का भी विवाह किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी को सूचित करने पर तत्काल संयुक्त टीम को रवाना किया गया।
टीम के नेतृत्व में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने 11 बजे मौके पर पहुंचकर कार्रवाई शुरू की। पंचायत चुनाव के कारण पुलिस बल कम था, लेकिन टीम ने दृढ़ता से काम किया। घर के बाहर बारात लगी थी और डीजे पर बाराती नाच रहे थे। घराती और बाराती, दोनों टीम के सामने एकत्र हो गए। पूछताछ करने पर बड़ी बहन के शैक्षणिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। प्राथमिक शाला के शिक्षक से दस्तावेजों की पुष्टि के बाद दोनों लड़कियों की उम्र क्रमशः 16 और 15 वर्ष पाई गई।
टीम द्वारा गहन पूछताछ में लड़कियों ने विवाह की पुष्टि कर दी। उनके हाथों में लगी मेहंदी पर अलग-अलग लड़कों के नाम पाए गए। जब बारातियों को बुलाया गया, तो वे मौके से फरार हो गए। घरवाले शादी कराने पर अड़े थे, लेकिन प्रशासन की सख्ती के कारण आखिरकार लड़कियों को सखी वन स्टॉप सेंटर भेजने का निर्णय लिया गया।
अन्य मामलों में भी हुई कार्रवाई
अगले दिन रामानुजनगर और ओडगी विकासखंड में भी दो नाबालिग लड़कियों के विवाह की सूचना मिली। जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देश पर टीम तुरंत रवाना हुई। रामानुजनगर में समझाइश देकर विवाह रोका गया, जबकि ओडगी के एक दूरस्थ गांव में 17 वर्षीय लड़की का विवाह रुकवाया गया।
बाल विवाह रोकने में शामिल अधिकारी एवं सहयोगी
इस अभियान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, परियोजना अधिकारी जागेश्वर साहू, सरपंच विजय सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई के अखिलेश सिंह, प्रियंका सिंह, जैनेन्द्र दुबे, श्रीमती अंजनी साहू, सखी वन स्टॉप सेंटर की श्रीमती साबरीन फातिमा, चाइल्डलाइन के कार्तिक मजूमदार, कुमारी शीतल सिंह, प्रकाश राजवाड़े, दिनेश यादव, रमेश साहू, पवन धीवर, पर्यवेक्षक तंद्रा चौधरी, भारती पटेल, मांनकुवर, देवकली, ज्योति, अन्नु ठाकुर, सत्यवती, ओडगी थाना प्रभारी फर्दीनंद कुजुर, प्रधान आरक्षक दीपक सिंह, अमरेन्द्र दुबे, महिला आरक्षक जान कुंवर सिंह, आरक्षक कौशलेंद्र सिंह, रोहित राजवाड़े, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्रामीणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से चार बाल विवाह रोके गए। यह अभियान बाल विवाह मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रयास में प्रशासन, पुलिस और समाज की भागीदारी आवश्यक है ताकि आने वाले समय में किसी भी नाबालिग लड़की का विवाह न हो सके।