
“सरगुजा के जननायक: महाराज टी.एस. सिंह देव की सेवा, समर्पण और विकास की अमर गाथा”
“सरगुजा के अभिभावक: महाराज टी.एस. सिंह देव की जनसेवा, विकास और सामाजिक समर्पण की अद्वितीय गाथा”
छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र की राजनीति में महाराज टी.एस. सिंह देव का नाम एक ऐसे जनसेवक के रूप में लिया जाता है, जिन्होंने सत्ता को कभी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ का माध्यम नहीं बनाया, बल्कि उसे जनसेवा और विकास का जरिया माना। वे चाहे विधायक, मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बने हों या नहीं, लेकिन उन्होंने हर परिस्थिति में जनता के लिए कार्य करना अपनी प्राथमिकता बनाए रखा।
सरगुजा, जो कभी पिछड़ेपन, अशिक्षा और अविकसित बुनियादी सुविधाओं के लिए जाना जाता था, आज शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, आधारभूत संरचना, रोजगार और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इस लेख में हम विस्तार से देखेंगे कि महाराज टी.एस. सिंह देव ने किस प्रकार इस क्षेत्र को प्रगति की राह पर आगे बढ़ाया और कैसे वे गरीबों, आदिवासियों, महिलाओं, दिव्यांगों और किसानों के लिए उम्मीद की किरण बने।
सरगुजा में महाराज टी.एस. सिंह देव की लोकप्रियता और स्थायी छवि
सरगुजा क्षेत्र के लोग महाराज टी.एस. सिंह देव को सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि एक अभिभावक के रूप में देखते हैं। उनका व्यक्तित्व, उनकी सोच, और उनकी कार्यशैली उन्हें आम नेताओं से अलग बनाती है।
1. सर्वसमावेशी नेतृत्व
टी.एस. सिंह देव जाति, धर्म, वर्ग और समुदाय से ऊपर उठकर समाज के हर वर्ग के लिए काम करते हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों से यह स्पष्ट होता है कि वे किसी एक समूह के नहीं, बल्कि सम्पूर्ण सरगुजा की आवाज हैं।
2. सरल, सहज और विनम्र व्यक्तित्व
भले ही वे राजपरिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उनका व्यवहार सामान्य जनमानस की तरह सहज और विनम्र रहा है। वे आसानी से जनता के बीच घुल-मिल जाते हैं, उनकी समस्याओं को सुनते हैं और समाधान निकालते हैं।
3. हर वर्ग की सहायता करने की प्रतिबद्धता
महाराज टी.एस. सिंह देव ने हमेशा गरीबों, किसानों, आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं की आवाज को उठाया है। उन्होंने न सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद की, बल्कि कई व्यक्तिगत स्तर पर भी आर्थिक सहायता प्रदान की।
4. विकास कार्यों में अग्रणी भूमिका
सरगुजा में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, पर्यटन और रोजगार के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों ने उन्हें जनता के दिलों में एक स्थायी स्थान दिलाया है।
5. पारदर्शिता और ईमानदारी
वे राजनीति में पारदर्शिता और ईमानदारी के पक्षधर हैं। उन्होंने विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को रोकने और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया।
शिक्षा और ज्ञान के माध्यम से समाज का उत्थान
1. शिक्षा के क्षेत्र में सुधार
सरगुजा क्षेत्र में पहले स्कूलों की कमी, शिक्षकों की अनुपलब्धता और छात्रों की शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी थी। लेकिन महाराज टी.एस. सिंह देव के प्रयासों से शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव आए।
सरकारी स्कूलों का आधुनिकीकरण – स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय और विज्ञान प्रयोगशालाएं विकसित की गईं।
आदिवासी और दलित बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना – आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति दी गई।
बालिकाओं के लिए शिक्षा को बढ़ावा – बेटियों को स्कूल भेजने के लिए योजनाएं चलाई गईं, जिससे लड़कियों की शिक्षा दर में वृद्धि हुई।
सरगुजा विश्वविद्यालय में नए कोर्स – उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरगुजा विश्वविद्यालय में नई शैक्षणिक योजनाएं लागू की गईं।
स्वास्थ्य सुविधाओं में क्रांति
1. चिकित्सा व्यवस्था का विस्तार
सरगुजा में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
सरगुजा मेडिकल कॉलेज की स्थापना – जिससे क्षेत्र के लोगों को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलीं।
ग्रामीण इलाकों में मोबाइल हेल्थ क्लीनिक – दूर-दराज के गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए मोबाइल हेल्थ क्लीनिक शुरू किए गए।
मुफ्त दवा योजना – गरीबों को निःशुल्क दवाएं दी गईं।
दिव्यांगों के लिए विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं – विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष चिकित्सा योजनाएं लागू की गईं।
आधारभूत संरचना और विकास कार्य
सड़कों और पुलों का निर्माण – गांवों को शहरों से जोड़ने के लिए व्यापक सड़क निर्माण कार्य किए गए।
बिजली और जल आपूर्ति सुधार – सरगुजा के गांवों में 24 घंटे बिजली और स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई।
पर्यटन को बढ़ावा – ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों को पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित किया गया, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़े।
किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण
किसानों के लिए समर्थन मूल्य और बीमा योजनाएं लागू की गईं।
सिंचाई सुविधाओं का विस्तार कर जल संकट को दूर किया गया।
जैविक खेती और आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा दिया गया।
आदिवासियों को वन उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए विशेष योजनाएं लागू की गईं।
व्यक्तिगत रूप से जिनकी मदद की
गंभीर बीमारी से जूझ रहे गरीब मरीजों का इलाज कराया।
आवासहीन परिवारों को घर दिलाने में सहायता की।
मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक मदद दी।
महाराज टी.एस. सिंह देव केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि सरगुजा की आत्मा और अभिभावक हैं। उन्होंने अपने पद की परवाह किए बिना जनता की सेवा को प्राथमिकता दी। उनके कार्यों ने उन्हें न सिर्फ सरगुजा में लोकप्रिय बनाया, बल्कि एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित किया, जिन पर जनता को पूर्ण विश्वास है।
उनका योगदान शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, कृषि, रोजगार और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में अतुलनीय है। वे राजनीति को सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज सेवा का साधन मानते हैं।
सरगुजा के लोग उन्हें केवल एक नेता नहीं, बल्कि एक अभिभावक के रूप में देखते हैं, जिन्होंने हर जरूरतमंद की सहायता की और पूरे क्षेत्र को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी यह सेवा यात्रा आने वाले वर्षों में भी लोगों के लिए प्रेरणादायक बनी रहेगी।